
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक होटल कारोबारी को उसकी ही महिला कर्मचारी ने अपने पुरुष मित्र के साथ मिलकर ब्लैकमेलिंग का शिकार बना दिया।

कारोबारी ने मामले की शिकायत कोतवाली हरिद्वार, एसएसपी हरिद्वार, मुख्यमंत्री उत्तराखंड, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय, एवं राष्ट्रपति कार्यालय तक से की है लेकिन आज तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है। कारोबारी संजीव बंसल पुत्र श्री भीमसेन बंसल निवासी शिवलोक कॉलोनी होटल कारोबारी है। वर्ष 2022 में उन्होंने अपने होटल में एक युवती को रिसेप्शनिस्ट के पद पर नियुक्त किया था। युवती ने व्यवसायी का विश्वास जीत लिया।

कई महीने काम करने के बाद होटल के नियमित बैंक लेन-देन और पेमेंट प्रक्रिया में उसकी भागीदारी शुरू हुई। होटल के व्यवसायिक भुगतान कई बार सीधे उसी के बैंक खाते में डाले गए, जिनका उपयोग वह होटल संचालन में करती थी।
पीड़ित के अनुसार जैसे-जैसे युवती को पैसों की जानकारी और उनकी मात्रा समझ आने लगी, उसकी नीयत बदल गई। फिर उसने अपने कथित मित्र यादव के साथ मिलकर एक साजिश रचनी शुरू कर दी। महिला ने अपने मालिक के विश्वास को ही हथियार बनाते हुए मानसिक दबाव, सामाजिक बदनामी की धमकी और भावनात्मक ब्लैकमेलिंग के जरिए मोटी रकम ऐंठनी शुरू कर दी।

शुरुआती दौर में कुछ किस्तों में भुगतान लिया गया। लेकिन जैसे-जैसे युवती का आत्मविश्वास बढ़ता गया, रकम भी बढ़ती गई। व्यवसायी के अनुसार, इस तरह करीब ₹61 लाख रुपये तक की भारी-भरकम ब्लैकमेलिंग कर ली गई। जब व्यवसायी ने इन अनैतिक मांगों से इंकार किया और प्रतिरोध करना शुरू किया, तो महिला ने अपने मित्र के साथ मिलकर एक मामला दर्ज करवा दिया। मुकदमे के माध्यम से पुलिस और प्रशासनिक दबाव डालने की कोशिश की गई ताकि व्यवसायी भयभीत होकर और अधिक भुगतान करे।

हालात यहां तक बिगड़ गए कि व्यवसायी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत लेनी पड़ी, जिससे वे खुद को इस झूठे मामले में गिरफ्तारी से बचा सकें। संजीव बंसल ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए एक विस्तृत लिखित शिकायत दी थी।पूरे मामले से जुड़े साक्ष्य, बैंक ट्रांजैक्शन, और लिखित संदेशों को शामिल किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि यह कोई एकल घटना नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से सुनियोजित ब्लैकमेलिंग की साजिश है। संजीव बंसल ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई और प्रतिष्ठित नागरिक इस प्रकार के षड्यंत्र का शिकार न हो।