
K.D.
कांवड़ मेले में अवैध पार्किंग ही नहीं, कांवड़ बाजार के पीछे भी बड़ा खेल सामने आया है। मजेदार बात यह है कि इस बार कांवड़ बाजार का ठेका मेहज् 15 लाख् मे कर दिया गया। जिससे राज्य सरकार को राजस्व की मोटी चपत लगी है। सवाल यह है कि इसके पीछे बड़ा खेल किसने खेला। जानकारी लेने पर पता चला है कि कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों ने सांठ-गांठ कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई हैं। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होने से गोलमाल उजागर हो सकता है।
कांवड़ बाजार के लिए नगर निगम हर साल टेंडर आमंत्रित करता था। इस बार टेंडर के नाम पर खानापूर्ति की गई । आखरी समय पर ठेका कर कांवड़ बाजार लगवा दिया गया। नगर निगम ने पिछली दफा 35 लाख ठेके से कमाए थे, इस बार खेल हुआ। सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। देखने वाली बात यह है कि आला अधिकारी जांच कराते हुए कार्रवाई की हिम्मत जुटा पाते हैं या भ्रष्टाचारी अपनी जेबें भरकर बच निकलने में कामयाब हो जाएंगे।