
K.D.
करोड़ों की संपत्ति को हड़पने की खातिर कत्ल कर दिए गए संत गोविंद दास के शव की तलाश के लिए कनखल पुलिस ने रविवार को सर्च ऑपरेशन चलाया। कई घंटों तक चले सर्चऑपरेशन के बाद कामयाबी नहीं मिल पाई। माना जा रहा हैकि कई माह गुजरने के बाद शव मिलने की उम्मीद न के ही बराबर है। इधर, हत्याकांड को में शामिल रहे मास्टर माइंड अशोक समेत अन्य आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
शनिवार को कनखल पुलिस ने ज्ञानलोक कालोनी स्थित श्रद्धाभक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष महंत गोविंद दास शिष्य बिशम्बर दास महाराज की हत्या का खुलासा किया था। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल रहे मास्टर माइंड अशोक कुमार पुत्र रघुवीर सिंह मकान नंबर 57 गली नंबर दो दुर्गापुरी एक्टेन्शन शहादरा थाना ज्योतिनगर दिल्ली, ललित पुत्र दिनेश शर्मा निवासी पृथ्वी विहार नियर एफसीआई गोदाम मेरठ रोड थाना 32 सेक्टर करनाल हरियाणा, संजीव कुमार त्यागी पुत्र शरदचंद निवासी मुण्डेत मंगलौर हरिद्वार और योगी रामगोपाल नाथ उर्फ गोपाल सिहं पुत्र स्वर्गीय मनफूल सिहं निवासी ग्राम कोहरा सजेती तहसील घाटमपुर जिला कानपुर नगर यूपी को दबोचा था जबकि दो आरोपी प्रदीप और सौरभ फरार थे।
सामने आयाथा कि कपड़ों की फेरी करने वाला अशोक वर्ष 2021 से आश्रम आता जाता रहता था और फरवरी माह में यहां आकर तीन माह के लिए ठहरा था। उसी ने ही बाबा का उत्तराधिकारी न होने के कारण हत्या कर बेशकीमती संपत्ति हड़पने का ताना बाना बुना था। एक जून को संत गोविंद दास को नशे का इंजेक्शन लगाकर बेहोश करने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी थी और शव कट्टे में भरकर स्कूटर पर ले जाकर गंगा की मुख्य धारा में फेंक दिया था। उसके बाद अपने साथी गोपाल सिंह को संत रामगोपाल नाथ बनाकर आश्रम की गददी पर बैठा दिया था, जिससे की आमजन को संदेह न हो।
किसी के पूछने पर वे संत गोविंद दास के धर्म के प्रचार के लिए अयोध्या जाने की बात कहते थे। फिर प्रॉपर्टी डीलर संजीव त्यागी ने संत के जाली हस्ताक्षर कर अशोक के नाम एक फर्जी वसीयतनामा तैयार करवाया था। उनका मकसद आश्रम की संपत्ति को दस करोड़ में बेचने का था।
हत्याकांड के मास्टर माइंड अशोक के कब्जे से मृतक संत की 16 लाख रूपए की पंजाब नेशनल बैंक की मूल एफडी, दो चेक बुक व फर्जी फर्जी वसीयतनामे की कॉपी मिली थी। फरार चल रहे वेस्ट यूपी निवासी सौरभ और प्रदीप हत्थे नहीं चढ़ सके थे। पूरे मामले का खुलासा लापता संत के चेले रुद्रानंद पुत्र श्यामलहरी गिरी निवासी रायवाला गौरी गीता आश्रम बिरला मंदिर देहरादून के 17 अक्तूबर को पुलिस को सूचना देने पर हुआ था। रविवार को कनखल पुलिस ने मातृ सदन आश्रम से कुछ आगे गंगा में फेंक दिए गए शव की तलाश में अभियान चलाया। गंगा का चप्पा चप्पा खंगालने के बाद भी संत के शव का अता पता नहीं चल सका। बरसात के सीजन में संत के शव आगे बह जाने की पूरी आशंका है। एसओ मनोज नौटियाल ने बताया कि शव की तलाश कर रहे है। शौकिया गोताखोरों की मदद से अभियान चलाया जाता रहेगा।