
हरिद्वार-पौड़ी लोकसभा सीट पर टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी में मचे घमासान के बाद नित नई चर्चाएं जन्म ले रही है। संडे को भाजपाई खेमों में दिल्ली दरबार में मजबूत पकड़ रखने वाले राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के हरिद्वार लोकसभा सीट से मैदान में उतरने की चर्चा होती रही। टिहरी जिले से ताल्लुक रखने वाले अनिल बलूनी के हरिद्वार सीट से उतरने की कई वजह गिनाई जा रही है, सबसे बड़ी वजह पिछले दो लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार होना है, क्योंकि भाजपा के लिहाज से यह सीट पूरी तरह से मुफीद है। बलूनी का गढ़वाल से ताल्लुक रखना भी उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, यह बात सियासी पंडितों की जुबां पर है।
हरिद्वार संसदीय सीटमें शामिल देहरादून जिले की तीन विधानसभा सीटों की बदौलत ही भाजप जीत का स्वाद चखती आई है। हां, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। भाजपा नेतृत्व किसी पर विश्वास व्यक्त करता है, यह देखना दिचलस्प होगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा सीएम पुष्कर सिंह धामी के खासमखास स्वामी यतीश्वरानंद भी एडीचोटी का जोर लगाए हुए हैं। पिछड़ रहे मौजूदा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के हैवीवेट होने के बाद भी टिकट फाइनल न होने पर यह सब चर्चाएं ज्यादा बलवती हो रही है, हालांकि निशंक भी दिल्ली दरबार में अपनी गुणा भाग में पूरी शिददत के साथ जुटे है।