भेल के ​सिक्योरिटी गार्ड: निजी वाहनों में हो रही ताकाझांकी, हो सकता है बड़ा विवाद

K.D.

भेल संपदा विभाग कभी दुकान आवंटन को लेकर सुर्खियों में है तो कभी व्यवसायिक वाहन की एंट्री को लेकर तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाए हुए है। रही सही कसर सुबह हो या शाम भेल में मौजूद चौपहिया वाहन में ताकाझांकी कर रहे सिक्योरिटी गार्ड पूरी कर रहे है, आमजन की निजता का हनन कर रहे सिक्योरिटी गार्ड किसी दिन बड़े बवाल की वजह बन सकते है। बड़ा सवाल यह है कि सिक्योरिटी गार्ड को चौपहिया वाहन में ताकाझांकी करने का अधिकार किसने दिया है। भेल के ईडी भी संपदा विभाग की कार्यशैली को लेकर आंखों पर पटटी बांधे हुए है।

भेल संपदा विभाग समय समय पर अजीबोगरीब हरकत करता रहता है।कभी वे कार की चेकिंग में जुट जाते है तो कभी दोपहिया वाहन को लेकर टोकाटाकी शुरू कर देते है। यही नहीं कभी खोखा मार्किंट को लेकर नए फरमान जारी कर देता है।
पूरी तरह से तानाशाह बने भेल संपदा विभाग की कार्यशैली को लेकर हर कोई परेशान है। अब नया कारनामा भेल सेक्टर एक में एक दुकान के आंवटन को लेकर सामने आया है, जिसे लेकर शिकायत का दौर भी शुरू हो गया है। चर्चा है कि एक अफसर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है।

दुकान के अलावा भेल के बैरीयरो पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड जहां व्यवसायिक वाहनों को एंट्री नहीं दे रहे है, वहीं वे भेल में शाम के वक्त घूमने वाले शहरवासियों के चौपहियाा वाहन में ताक झांक कर रहे है। जिस चौपहिया वाहन में महिलाएं सवार है, उनको भी नहीं छोड़ा जा रहा है।

आमजन जब उनसे ताकझांक करने के अधिकारी के संबंध में पूछताछ करने लगते है, तब वे खिसक जाते है। पर अधिकांश आमजन जागरूक न होने के कारण प्रताडित किएजा रहे है। ऐसे में किसी दिन पब्लिक इन सिक्योरिटी गार्डों को दौड़ा भी सकती है। किसी संदिग्ध के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार केवल सिविल पुलिस को है, न कि भेल के प्राईवेट सिक्योरिटी गार्ड को है।
भेल में एंट्री को लेकर नए नियम कायदे बना रहे भेल संपदा विभाग के अफसरान से पूछिए अगर शहर के अंदर भेलकर्मियों की एंट्री को लेकर भी नियम कायदे जारी कर दिए जाए तो उन्हें बेहद ही दिक्कत उठानी पड़ सकती है।

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