
K.D.
हरिद्वार दिल्ली हाईवे की एक बेशकीमती भूमि को लेकर सुर्खियों में आए खादी की केचुली में छिपे दो हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली खंगालने में खुफिया विभाग से लेकर स्थानीय पुलिस जुट गई है। जांच का फोकस भूमि को लेकर बखेड़ा खड़ा कर रहे हिस्ट्रीशीटरों की मंशा को लेकर है, यही नहीं अक्सर किसी न किसी भूमि को लेकर विवाद खड़ा करने वाले इन हिस्ट्रीशीटरों के अन्य प्रकरण भी खंगाले जा रहे है। चर्चा है कि हिस्ट्रीशीटर विवाद को सुलटाने के लिए नाम पर बिल्डर से हाथ मिलाने का दम भी भर रहे है, पर बेहद बड़ी डिमांड पर हिस्ट्रीशीटर अड़े हुए हैं।
पिछले कई दिन से यह प्रकरण चर्चा में बना हुआ है। एक बिल्डर ने अपनी निर्माणाधीन टाउनशीप को लेकर स्थानीय ग्राम प्रधान से लेकर अन्य सदस्यों की सहमति से ग्राम समाज की भूमि का नियम के अनुसार विनीमय कराया था।
शासन-प्रशासन की लिखित अनुमति बिल्डर को मिली हुई है लेकिन दो हिस्ट्रीशीटरों की जोड़ी बिल्डर के पीछे लग गई है। तरह तरह के आरोप लगाकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है, यही नहीं जबरन भूमि में घुसपैठ भी की जा रही है।
सूत्रों की माने तो हिस्ट्रीशीटर से नेता बने यह चेहरे प्रकरण को सुलटाने के लिए बिल्डर से लगातार संपर्क साध रहे है, पर बिल्डर के तवज्जो न देने पर बहला फुसलाकर अपने समर्थकों संग विरोध का झंडा बुलंद करने में जुट जाते है।
चर्चा हैकि हिस्ट्रीशीटरों की बिल्डर से दाल गल नहीं पा रही है, वरना हो हल्ला अब तक खत्म हो चुका होता। बिल्डर की तरफ ललचाई आंखों से देख रहे यह हिस्ट्रीशीटर अपने प्रकरण को लेकर किसी भी राजनैतिक दल से जोड़ने में जुट जाते है।
किसी पार्टी के नेता संग फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते है और खुद को उनका समर्थन होने का दावा करते है।
हिस्ट्रीशीटरों की करतूतों से आजिज आकर बिल्डर ने अब पुलिस का दरवाजा खटखटाया है। चर्चा है कि पुलिस पूरी जानकारी जुटाकर हिस्ट्रीशीटरों की परेड करा सकती है, बिल्डर ने कई साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैँ। हिस्ट्रीशीटर पूर्व में भी भूमि संबंधी कई विवाद में लिप्त रहे है, उन्हें भी खंगाला जा रहा है।
इनके और इनके परिजन के नाम दर्ज भूमि रेकार्ड भी चेक किए जा रहे है, आखिर इतनी भूमि के स्वामी कैसे बन बैठे।