
हरिद्वार,KD
भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा टिकट मिलने के लिए हाथ पांव पटक रहे एक पूर्व विधायक संत की राह में उनका गैर राज्य से ताल्लुक होना रोड़ा बन सकता है। टिकट की दौड़ में शामिल बाकी चेहरे इस प्वाइंट को एक बड़ा मुददा बनाकर शीर्ष नेतृत्व के समक्ष मजबूती से रख रहे है, यही नहीं विधायक की खनन में खासी दिचलस्पी से लेकर एक क्षेत्र में उनकी जमीनों के प्रकरण से जुड़ी एक भी सूची भी दिल्ली हाईकमान को सौंपी जा चुकी है। संत की एक दशक पुरानी आर्थिक स्थिति से लेकर मौजूदा तस्वीर को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। लोकसभा टिकट को लेकर भाजपा में हर उम्मीदवार अपने अपने तरकश में शामिल तीर को चल चुका है। हर कोई खुद को काबिल उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहा है।
इन्हीं सब के बीच एक पूर्व विधायक भी हार का ताजा ताजा स्वाद चखने के बाद लोकसभा पहुंचने का ख्वाब संजोऐ हुए है, लिहाजा टिकट पाने के लिए पूर्व विधायक ने एडीचोटी का जोर लगा दिया है। एक कारोबारी संत के भी पूर्व विधायक की टिकट की पैरवी करने की चर्चा बड़ी तेजी से बाजार में फैली हुई है। हालांकि, पूर्व विधायक के अपने चुनाव के कुप्रबंधन की बदौलत मिली हार की हकीहत पार्टी नेतृत्व से भी छिपी नहीं है, इसके अलावा विधायक का उत्तराखंड से मूल नाता न होने को लेकर अन्य उम्मीदवार उनके खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे है।
पूर्व विधायक का दामन खनन में दागदार होने के भी आरोप मढ़े जा रहे है। यहां तक की जमीनों के प्रकरणों में उनकी संलिप्तता को लेकर भी दावेदारों ने दिल्ली दरबार के सम्मुख कच्चा चिट्ठा पेश कर दिया है। देखना दिचलस्प होगा कि पूर्व विधायक की लाटरी खुलती है या नहीं, या उनके धुर विरोधी टिकट की दौड़ से बाहर करने में कामयाब होंगे।