“परिवार में छुपा था खून का खेल: अपमान का बदला लेने को भतीजे ने कर दी चाचा की हत्या, पुलिस ने दो दिन में खोली पूरी कहानी.. पोस्टमार्टम, फॉरेंसिक और सख़्त पूछताछ ने उधेड़ी सच की परतें — पुलिस ने 48 घंटे में आरोपी को दबोचा, (देखें वीडियो)..

जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार:
रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली वारदात में पथरी थाना क्षेत्र के ग्राम धारीवाला में भतीजे ने ही चाचा का गला चुन्नी से दबा कर मौत के घाट उतार दिया और फिर इसे आत्महत्या साबित करने का पूरा ड्रामा रच डाला।

शुरुआत में परिजन फांसी लगाकर आत्महत्या की कहानी पर अड़े थे, लेकिन पथरी पुलिस की बारीकी से की गई जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले का सच सामने ला दिया।

2 दिसंबर को सूचना पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने देखा कि सुरेश (42) का शव कमरे के फर्श पर पड़ा था। परिजन आत्महत्या का दावा कर रहे थे, मगर मृतक के गले पर दबाव के गहरे निशान देखकर पुलिस को शक गहराता गया। पोस्टमार्टम में भी मौत का कारण गला घोंटना ही पाया गया, जिसके बाद हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच तेज की गई।

जांच में पुलिस की नजर उसी भतीजे सुनील पर टिक गई, जो सबसे ज्यादा रोता-बिलखता दिख रहा था और बार-बार घटना को आत्महत्या बता रहा था। सख़्ती से पूछताछ होने पर वह टूट गया और उसने चाचा की हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि सुरेश शराब के नशे में उसे अक्सर अपमानित करता था और जमीन बेचने को लेकर भी विवाद चलता था। गुस्से में सुनील ने चुन्नी से चाचा का गला घोंट दिया।

हत्या के बाद उसने शव को टीनशेड के एंगल से टांगकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की, लेकिन वजन अधिक होने के कारण शव नीचे गिर गया। सुबह उसने परिवार को फांसी लगाने की झूठी सूचना दी।

पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर थाना अध्यक्ष मनोज नौटियाल की टीम—घटनास्थल निरीक्षण, फॉरेंसिक साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और क्रमबद्ध पूछताछ के आधार पर—सिर्फ 48 घंटे में हत्याकांड सुलझाने में सफल रही। आरोपी भतीजा गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस टीम में शामिल रहे….
थाना अध्यक्ष मनोज नौटियाल, वरिष्ठ उपनिरीक्षक यशवीर सिंह नेगी, उपनिरीक्षक विपिन कुमार, उपनिरीक्षक महेंद्र पुंडीर, अपर उपनिरीक्षक मुकेश राणा, हेड कांस्टेबल मुकेश चौहान, हेड कांस्टेबल जयपाल चौहान, कांस्टेबल अनिल सिंह और कांस्टेबल कान्तिराम।

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