बसपा से मौलाना मैदान में, भाजपा—बसपा विधायकों की यारी सब पर भारी

K.D.

बहुजन समाज पार्टी बसपा ने हरिद्वार से अपना लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बसपा ने पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर मुज्जफरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक रहे मौलाना जमील अहमद काजमी को मैदान में उतारा है। लेकिन एन वक्त पर बसपा से मुस्लिम उम्मीदवार को लाने के लिए पीछे हरिद्वार जनपद के एक वरिष्ठ भाजपा विधायक और बसपा के एक सीनियर विधायक की जुगलबंदी का नतीजा माना जा रहा है।

मुस्लिम मतों में विभाजन और हिंदू वोटों का धुव्रीकरण मकसद
बसपा से पहले भावना पांडेय का टिकट फाइनल किया गया था। लेकिन भावना पांडेय का टिकट काट दिया गया और उनकी जगह मुस्लिम चेहरे को लाया गया। वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार आने से मुस्लिम मतों में विभाजन हो पाएगा। मुस्लिम मतों की संख्या में हरिद्वार लोकसभा में पांच लाख से ज्यादा का शेयर रखते हैं। ऐसे में मुस्लिम मतों में विभाजन होगा तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।
मुस्लिम उम्मीदवार के तौर पर मौलाना जमील कासमी के आने से हिंदू वोट बैंक का धुव्रीकरण भी होगा। भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत उम्मीदवार के तौर पर इतने मजबूत नहीं दिख रहे थे। ऐसे में वोटों का धुव्रीकरण का फायदा सीधे तौर पर भाजपा को होगा।

भाजपा—बसपा विधायक की यारी है पुरानी
भाजपा और बसपा विधायकों की यारी पुरानी है। दोनों एक दूसरे को चुनाव जीताने में भूमिका निभाते रहते हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार भी बसपा उम्मीदवार का फैसला करने में दोनों की जुगलबंदी रही है। हालांकि इसका फायदा कितना भाजपा को मिल पाएगा। ये आने वाला समय ही बताएगा।

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