
जनघोष-ब्यूरो:-
हरिद्वार: सलेमपुर में करोड़ों की सरकारी भूमि पर हुए कब्जे में भू माफियाओं और सिस्टम के गठजोड़ की बू आ रही है। तत्कालीन डीएम धीराज सिंह ने कब्जा हटाने को एसडीएम को निर्देश दिए थे, पर उनकी चिट्ठी कहीं धूल फांक रही होगी यही नहीं मौजूदा डीएम कर्मेंद्र सिंह से भी शिकायत हुई थी लेकिन निचले अफसर के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
अब मामले के उछलने पर भू माफियाओं के कब्जे से सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया। बड़ा सवाल यह है कि आखिर दो जिलाधिकारी के निर्देश देने के बाद भी कौन अफसर भू माफियाओं की ढाल बना हुआ था। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होना बेहद आवश्यक है, ताकि सरकारी भूमि को माफियाओं को सौंपने वाले सिस्टम में छिपे विभीषण बेनकाब हो सके।
चर्चा है कि एक साहब इस पूरे खेल में मझे हुए खिलाड़ी हैं। उनका दामन पूरी तरीके से दागदार बताया जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही सुशासन के दावे करते रहे लेकिन सिस्टम में बैठे अफसर उनके दावे को मुंह चढ़ा रहे हैं।

जब सरकारी भूमि को ही माफियाओं को सौंपने में कोई गुरेज नहीं की गई ऐसे में भला किसी आमजन की भूमि पर माफियाओं का कब्जा होने की बात से कैसे इंकार किया जा सकता है..?

इतनी भूमि कराई मुक्त….
ग्राम सलेमपुर महदूद-2 परगना रूडकी तहसील व जिला हरिद्वार में स्थित ग्राम समाज की 0.138हे0 भूमि पर सडक का निर्माण किया गया था जिसे जे०सी०बी० के द्वारा ध्वस्त कराया गया। चकरोड़ की 0.102हे0 भूमि पर अतिक्रमण निजी सी०सी० मार्ग का निर्माण तथा भराव किया गया था जिसे ध्वस्त किया गया।

इसके अतिरिक्त ग्राम समाज की 0.463हे० भूमि जिस पर अतिक्रमण का प्रयास किया जा रहा था, को भी चिन्हित कर ग्राम प्रधान सलेमपुर महदूद के सुपुर्द किया गया। एसडीएम हरिद्वार ने बताया कि जांच में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा पाया गया जिसके बाद एक्शन लिया गया।