
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर पुलिस और एसओजी रुड़की ने साइबर ठगी का बड़ा पर्दाफाश किया है। जांच में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब शिकायत दर्ज कराने वाला ही इस पूरे खेल का हिस्सा निकला।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर ₹50 हजार नकद, फर्जी गैर-जमानती वारंट, मोबाइल फोन और कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने टीम की सराहना की।
जेल में बना नेटवर्क, बाहर रचा फरेब….
मुख्य आरोपी सुरेंद्र 2022 में दुष्कर्म मामले में जेल जा चुका है। जेल में ही उसकी मुलाकात मास्टरमाइंड कृष्णकांत से हुई। कृष्णकांत ने सुरेंद्र को जमानत दिलाने में मदद की और बाद में उसे साइबर फ्रॉड की साजिश में शामिल कर लिया।

पुरानी रंजिश से बदला लेने की चाल…..
कृष्णकांत पर पहले से कई थानों में धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं। उसने अपने भाई डेविड, साले राहुल और सुरेंद्र के साथ मिलकर उन लोगों को फंसाने की योजना बनाई, जिनसे उसकी पुरानी रंजिश थी। वादी सुरेंद्र को इसके एवज में पांच लाख रुपये का लालच दिया गया।

फर्जी वारंट से किया ट्रांसफर….
गैंग ने IDFC-FIRST बैंक के जरिए फर्जी गैर-जमानती वारंट तैयार किए। इसके बाद सुरेंद्र के खाते से दूसरों के खातों में ₹5000-₹5000 की रकम ट्रांसफर कर यह दिखाने की कोशिश की कि वे साइबर फ्रॉड में शामिल हैं। इसके बदले कृष्णकांत ने सुरेंद्र को ₹2.5 लाख नकद दिए।

साइबर सेल ने रोके 25 हजार…..
ज्वालापुर पुलिस की जांच में साइबर सेल ने तेजी दिखाते हुए पांच अलग-अलग खातों में भेजी गई कुल ₹25 हजार की रकम होल्ड करा दी। खाताधारकों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ये पैसे नहीं निकाले और पुलिस से संपर्क कर असलियत बताई।
गिरफ्तार आरोपी…..
सुरेंद्र पुत्र सुमन, निवासी रायबरेली, हाल निवासी शिवधाम कॉलोनी, सुभाष नगर ज्वालापुर
डेविड पुत्र विनोद, निवासी नारसन खुर्द, कोतवाली मंगलौर
राहुल पुत्र पवन, निवासी सुगरासा, थाना पथरी
बरामदगी……
₹50,000 नगद
तीन मोबाइल फोन
प्रिंटर और यूपीएस
दो फर्जी गैर-जमानती वारंट
छह पेमेंट डिटेल और अन्य दस्तावेज

पुलिस टीम……
प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह
हेड कांस्टेबल हिमेश चंद्र
कांस्टेबल दिनेश कुमार, रवि कुमार, सतवीर सिंह
एसओजी टीम…..
एसआई अंकुर शर्मा (प्रभारी एसओजी रुड़की)
हेड कांस्टेबल चमन, अश्वनी, मनमोहन भंडारी
