
लोकसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के दावे धड़ाम, बेखौफ शूटरों को ऊधमसिंह नगर पुलिस का रत्ती भर खौफ नहीं
ब्यूरो
सूबे को हिलाकर रख देने वाले नानकमत्ता गुरुद्वारा डेरा प्रमुख तरसेम सिंह हत्याकांड में उधमसिंह नगर पुलिस की लापरवाही निकलकर सामने आ रही है। पंद्रह दिन पूर्व डेरा प्रमुख ने अपनी जान को खतरा बताया था लेकिन ऊधमसिंह नगर पुलिस ने डेरा प्रमुख के अंदेशे को बेहद ही हल्के में ले लिया, जिसका नतीजा गुरुवार सुबह उनकी गोलियों से भूनकर हत्या कर देने के तोर पर सामने आया है। डेरा प्रमुख ने पंद्रह दिन पूर्व मीडिया को जारी अपने बयान में असमाजिक तत्वों से अपनी जान को खतरा बताया था लेकिन सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया था। हाईप्रोफाइल शख्सियत के इस तरह का अंदेशा जताने पर भी उधमसिंह नगर पुलिस की नींद नहीं टूटी। न ही उन्हें कोई सिक्योरिटी दी गई। न ही उनकी बात का संज्ञान लिया गया, इस तरह की चर्चा गुरुवार को हाईप्रोफाइल हत्याकांड के बाद होती रही। लोकसभा चुनाव सिर पर है और उधमसिंह नगर में बेखौफ होकर हाईप्रोफाइल हत्याकांड को अंजाम दे दिया गया, ऐसे में साफ है कि ऊधमसिंह नगर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कितनी गंभीर है।
बड़ी साजिश की बू, एक शूटर चिन्हित
हाईप्रोफाइल हत्याकांड के पीछे किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है। हत्याकांड में शामिल रहे एक शूटर को चिन्हित भी कर लिया गया है, जिसकी धरपकड़ में एसटीएफ से लेकर दर्जनों पुलिस टीमें जुटी है। शूटरों की धरपकड़ के बाद ही हत्याकांड की असल वजह साफ हो सकेगी, यही उम्मीद जताई जा रही है। चिन्हित शूटर पर 14 मुकदमें दर्ज चले आते है।
भेदिया तो शामिल नहीं !
डेरा प्रमुख की सिक्योरिटी का घेरा बेहद ही कड़ा था। दो दिन पूर्व एक जत्थेदार की मौत होने के बाद डेरा प्रमुख ने सिक्योरिटी उस स्थान पर भेज दी थी। बताते है कि पांच असलहाधारी डेरा प्रमुख के साथ साये की तरह रहते थे। पर, कोई न कोई भेदिया भी हत्याकांड की साजिश में शामिल हो सकता है, जिसने यह जानकारी शूटरों को दी हो कि डेरा प्रमुख इस समय अकेले मौजूद है। क्योंकि जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उससे साफ है कि शूटर गुरुद्वारे के भौगोलिक परिवेश से भली भांति वाकिफ थे।