
जनघोष ब्यूरो
हरिद्वार: दीपावली पर्व पर महिलाओं ने अपनी मेहनत और हुनर से आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए लगाए गए दीपावली मेले में महिलाओं ने अपने हाथों से बनाए गए स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर करीब 20 लाख रुपये का कारोबार किया।

महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर हस्तनिर्मित दीपक, सजावटी सामग्री, खाद्य उत्पाद, घरेलू सामान, वस्त्र और हस्तशिल्प जैसी वस्तुओं की लोगों ने जमकर खरीदारी की। मेले में आए लोगों ने इन स्थानीय उत्पादों की खूब सराहना की। एक सप्ताह तक चले इस मेले में समूहों द्वारा कुल 19 लाख 46 हजार 710 रुपये का व्यापार किया गया, जो महिलाओं की मेहनत और उत्पादों की गुणवत्ता को दर्शाता है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनते जा रहे हैं। दीपावली मेला जैसे आयोजनों से उन्हें अपने हुनर को पहचान देने, उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने और आर्थिक रूप से मजबूत बनने का मंच मिल रहा है। उन्होंने कहा कि “जनता ने स्थानीय उत्पादों को हाथों-हाथ लिया है। यह प्रमाण है कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रही हैं।

डीएम ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और व्यापक स्वरूप दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक महिला समूह आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवारों के साथ समाज की आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन लगातार महिला समूहों को प्रशिक्षण, विपणन और वित्तीय सहायता के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रहा है।

मेले में महिला उद्यमियों ने भी अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि प्रशासन के सहयोग से उन्हें न केवल बिक्री का मौका मिला, बल्कि ग्राहकों से सीधा संवाद कर अपने उत्पादों को बेहतर बनाने की दिशा में भी सुझाव मिले। कई समूहों ने बताया कि यह अवसर उनके लिए नई प्रेरणा लेकर आया है और अब वे नियमित रूप से ऐसे बाजारों में भाग लेने की योजना बना रही हैं।

मेले के समापन पर समूहों की महिलाओं ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का आभार जताया और कहा कि उनके सहयोग से ही आज गांव की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनकर अपनी पहचान बना रही हैं।










