ईडी साहब भेल परिसर से कैसे हो गई करोड़ों की चोरी, कौन है भेल का वि​भीषण

K.D.

भेल कारखाना कैंपस में चप्पे चप्पे पर सीआईएसएफ का कड़ा पहरा उसके बाद भी एक करोड़ का सामान चोरी कर लिया गया, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। पूरे प्रकरण में भेल के अफसरान के गिरेबां पर भी उंगली उठना लाजिमी है, हालांकि यह पुलिसिया तफ्तीश में साफ हो सकेगा। माना जा रहा है कि चोरी का पटाक्षेप होने पर कई दामन दागदार हो सकते है, सवाल यह है कि आखिरकार बेशकीमती सामान तक कैसे पहुंचते है और कैसे चोरी की वारदात को चुटकियों में अंजाम देकर चलेजाते है।
भेल की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। पिछले दिनों भेल कारखाने में सक्रिय श्रमिक यूनियनों ने एक करोड़ से अधिक का सामान चोरी होने को लेकर आवाज बुलंद की तब भेल प्रबंधिका की नींद टूटी। सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी चोरी होने के बाद भी जिम्मेदार अफसर क्यों चुप्पी साधे हुए थे, उन्होंने पुलिस को सूचना देना आवश्यक क्यों नहीं समझा था।
अगर श्रमिक यूनियनें पूरे प्रकरण को लेकर हो हल्ला नहीं करती तो चोरी की बड़ी वारदात पर पर्दा डालने की पूरी तैयारी कर ली गई थी।
एक करोड़ का सामान चोरी होने की बात जब सुर्खियों में आई तब भेल प्रबंधन ने इस संबंध में आनन फानन में कोतवाली रानीपुर में मुकदमा दर्ज करा दिया।
हैरानी की बात यह है कि सीआईएसएफ के सुरक्षा घेरे के बावजूद चोरी की घटना को कैसे अंजाम दिया गया, यह अपने आप में यक्ष प्रश्न है।
चर्चा है कि चोरी की घटना के पीछे कुछ विभीषण छिपे हुए है। बकायदा कबाड़ियों का एक गैंग भेल में ही सक्रिय है, जिनकी अगर जांच हो तो भेल के कई चेहरे बेनकाब होते देर नहीं लगेगी। इस घटना के खुलासे में जुटी पुलिस टीमें अगर प्रकरण का पटाक्षेप करती है तो हकीकत सामने आ ही जाएगी।

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