
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार: हरिद्वार के चंडी देवी मंदिर परिसर में वर्षों से पसरे अतिक्रमण पर आखिरकार पुलिस प्रशासन का बुलडोजर चल ही गया।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देशन में गुरुवार को की गई इस सघन कार्रवाई के बाद मंदिर परिसर का मुख्य द्वार करीब 15 साल बाद अपने वास्तविक स्वरूप में नजर आया।

मंदिर क्षेत्र में फैले अवैध टिन शेड, दुकानें, काउंटर और ठेले पूरी तरह हटा दिए गए। इसके साथ ही आठ अतिक्रमणकारियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा हाल में दिए गए सेफ्टी ऑडिट के आदेशों के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई गई। मनसा देवी में हाल की भगदड़ में आठ श्रद्धालुओं की मौत के बाद प्रशासन ने हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।

इसी क्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी डोबाल ने चंडी देवी मंदिर का निरीक्षण किया और पैदल मार्ग सहित मुख्य द्वार के आसपास के समस्त अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।

नोटिस मिलने के बाद भी जब निर्धारित समय तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो थानाध्यक्ष नितेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस बल ने कार्रवाई करते हुए पूरा इलाका खाली कराया।

अब श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुंचना पहले से कहीं अधिक सरल और सुगम हो गया है। पैदल मार्ग और परिसर दोनों ही व्यवस्थित और खुले नजर आ रहे हैं।

मंदिर प्रशासन के अनुसार अब परिसर में एक साथ लगभग तीन हजार श्रद्धालु आराम से खड़े हो सकते हैं।

स्थानीय लोगों और भक्तों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि वर्षों बाद मंदिर परिसर की गरिमा लौटती दिखाई दी है।

एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और सुव्यवस्था को प्रभावित करने वाले किसी भी अतिक्रमण को भविष्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।