विधायक जी कब तक कराओगे अपनी ही सरकार की फजीहत, समस्याओं पर धरने देते तो क्षेत्र बन जाता चमन

K.D.

 विधायक चुने जाने के बाद से खाकी से लगातार उलझ रहे भाजपा विधायक आदेश चौहान लगातार अपनी किरकिरी करा रहे है। उसकी वजह यह है कि पुलिस के खिलाफ आस्तीनें चढ़ाकर हुंकार भरने वाले विधायक जी एक अदने से कांस्टेबल का तबादला नहीं कर पाएं है। यही नहीं वे अपने इस अंदाज से अपनी  ही सरकार की भी जगहंसाई करा रहे है। आमजन की जुबां पर यही बोल है कि यदि विधायक जी ने  इतना आक्रोश यदि जनमस्याओं को लेकर दिखाया होता तो पूरा क्षेत्र चमन बन जाता।

संडे को ज्वालापुर कोतवाली कैंपस में घटे घटनाक्रम का नतीजा सिफर ही रहा। विधायक जी के करीबी वरुण वशिष्ठ के छेड़छाड़ के प्रकरण में दखल न देने की बात कोतवाल के बोलने पर विधायक जी इतना आगबगूला हुए कि सीधे कोतवाली पहुंच गए। समर्थक  भी दरी बिछाकर बैठ गए।
पुलिस के अफसरान भी विधायक से बातचीत में जुटे रहे। कई घंटों तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद विधायक जी चलते बने। सवाल यह है कि आखिर जब नतीजा शून्य ही रहा तो विधायक जी इतना बखेडा करने की भला क्या आवश्यकता थी।


अफसरान से मोबाइल फोन पर ही संपर्क कर लेते, जब इतना हंगामा बरपाने का फिर भला क्या फायदा हुआ।  तीन दफा के विधायक आदेश चौहान के पुलिस से उलझने के कई किस्से है। पहली बाद विधायक बने आदेश चौहान का  चौपहिया वाहन ले जा रहे चालक को काली माता तिराहे पर तैनात होमगार्ड के कार साइड से ले जाने की बात कहने पर विधायक ने अपना वाहन थाना कैपंस में पार्क कर दिया था। कई दिन बाद उस वक्त एसपी सिटी सुरजीत सिंह पंवार के दखल देने के बाद विधायक का वाहन वापस भेजा गयाथा, तब भी होमगार्ड जस तस का जस रहा था।


उसके बाद विधायक जी लगातार पुलिस को अपने निशाने पर लेते रहे, पर एक भी पुलिसकर्मीका बाल बांका नहीं कर पाएं। पिछले दिनों ज्वालापुर के ही एक प्रकरण में जिला अस्पताल कैंपस में ज्वालापुर कोतवाल रमेश तनवार को हटाने के लिए खूब हुंकार भरी, पर नतीजा टांय टांय फिस्स ही रहा।

कोतवाल पद पर बना रहा। सिडकुल, रानीपुर, बहादराबाद से लेकर कनखल पुलिस को विधायक जी अपने टॉरगेट पर रखते है, पर हर बार मखौल ही उड़ता है। पब्लिक अब यही बोल रही है कि विधायक जी ने इतना गुस्सा सिडकुल के कामगारों से लेकर जनसमस्याओं को लेकर नहीं दिखाया, अगर दिखाया होता तो क्षेत्र की सूरत पूरी तरह बदल चुकी होती।

सम्बंधित खबरें