
जनघोष-ब्यूरो
एक निजी डेटा साइंस कम्पनी “पी वैल्यू एनालिटिक्स“ द्वारा जारी सर्वे रिपोर्ट NARI-2025 में देहरादून को देश के 10 असुरक्षित शहरों में शामिल किया गया था। इस रिपोर्ट को लेकर देहरादून पुलिस ने सख्त आपत्ति जताई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह ने पत्रकार वार्ता में स्पष्ट किया कि यह सर्वे न तो राष्ट्रीय महिला आयोग और न ही राज्य महिला आयोग द्वारा कराया गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी अपने स्तर से किसी ऐसे सर्वे से इंकार किया है। यह रिपोर्ट पूरी तरह निजी कम्पनी द्वारा स्वतंत्र रूप से तैयार की गई है, जो तथ्यों की बजाय व्यक्तिगत धारणाओं पर आधारित प्रतीत होती है।

एसएसपी ने बताया कि—देहरादून की लगभग 9 लाख महिला आबादी के मुकाबले सर्वे में केवल 400 महिलाओं की टेलीफोनिक राय ली गई। इतने छोटे सैम्पल साइज के आधार पर शहर की छवि तय करना उचित नहीं।

रिपोर्ट में कहा गया कि केवल 4% महिलाएं तकनीकी सेवाओं का उपयोग करती हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि गौरा शक्ति मॉड्यूल में अब तक 1.25 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिनमें 16,649 केवल देहरादून जिले से हैं। इसके अलावा डायल 112, उत्तराखंड पुलिस एप, सीएम हेल्पलाइन व सिटीजन पोर्टल का महिलाएं सक्रिय रूप से उपयोग करती हैं।

सर्वे में पुलिस पेट्रोलिंग को लेकर कोहिमा को सर्वाधिक सुरक्षित बताया गया, जबकि आंकड़े बताते हैं कि देहरादून का स्कोर 33% है, जो कोहिमा से भी बेहतर है। अगस्त माह में डायल 112 पर कुल 12,354 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से केवल 11 शिकायतें छेड़छाड़/लैंगिक हमलों से संबंधित थीं, जो कुल महिला शिकायतों का 1% से भी कम है। पुलिस का औसत रिस्पांस टाइम 13.33 मिनट दर्ज किया गया।वर्ष 2025 में बलात्कार, छेड़छाड़ और स्नेचिंग जैसी सभी घटनाओं का शत-प्रतिशत खुलासा किया गया है।
