पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी निकले फर्जी ट्रस्ट के संरक्षक

भारत माता मंदिर के स्वामी पर दर्ज केस में आई बड़ी अपडेट 

हरिद्वार,
बेशकीमती नारायण निवास आश्रम की फर्जी ट्रस्ट के संरक्षक पूर्व पालिकाध्यक्ष और कांग्रेसी संत सतपाल ब्रह्मचारी निकलकर आए है। फर्जी ट्रस्ट में संरक्षक की लिस्ट में उनका नाम दूसरे स्थान पर है। एफआईआर में कांग्रेसी संत का नाम न होने के पीछे संरक्षक पद से खुद को अलग करते हुए शपथ पत्र देने की बात निकल कर आ रही है। हालांकि पुलिस महकमे को शपथ पत्र से सरोकार नहीं है। दबी जुबां में एक पुलिस अफसर ने बोला कि इस तरह से फर्जी ट्रस्ट से जुड़े सभी चेहरे खुद को पाकसाफ बताकर अलग कर सकते है। पुलिसिया जांच में पूर्व पालिकाध्यक्ष के नाम को शामिल किया जा सकता है, यह जानकारी पुलिस सूत्रों से मिली है। फर्जी ट्रस्ट में भाजयुमो नेता विदित शर्मा, एबीवीपी नेता रितेश वशिष्ठ शामिल है।

वेस्ट यूपी के चर्चित चेहरे के गुर्गों से जुड़ा बलकार !
हरिद्वार, फर्जी ट्रस्ट के खेल के बड़े चेहरे अनुजदास उर्फ अनुज चौहान उर्फ बलकार की कुंडली खुफिया महकमा बांच रहा है। आरोपी बलकार को लेकर कई अहम जानकारी पुलिस महकमे को मिली है। उसका जुड़ाव वेस्ट यूपी के चर्चित नाम के गुर्गों से भी बताया जा रहा है। बलकार की संलिप्तता कई धार्मिंक संपत्तियों में है। उत्तरी हरिद्वार की अन्य संपत्तियों में भी उससे जुड़े लोगों का दखल बताया जा रहा है और कनखल थाने में उसके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे में एक संत और एक साध्वी जेल गए थे। हरिद्वार कोतवाली पुलिस जल्द ही बड़ा एक्शन ले सकती है।

यह है पूरा मामला, लापता है संत
कोर्ट के आदेश पर आश्रम की ट्रस्ट के महासचिव दीपक उप्रेती ने बीस आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि आश्रम के प्रमुख स्वामी महंत रामेश्वरानन्द शिष्य माता प्रेमकौर थे। आश्रम में कार्यरत एक संत स्वामी अवधेशानन्द सरस्वती ने संत रामेश्वरानंद की बीमारी का लाभ उठाकर अपने नाम एक रजिस्टर्ड वसीयत वर्ष 2019 में अपने हक में करा ली थी लेकिन उसकी हकीकत सामने आने पर स्वामी ने वसीयत निरस्त करा दी थी। आरोप था कि संपत्ति को खुर्द बुर्द न होने के मकसद से स्वामी रामेश्वरानंद ने अपने जीवन काल में ही धर्मार्थट्रस्ट बना ली थी। उनकी मृत्यु के बाद स्वामी अवधेशानन्द ने खुद को शिष्य बताते हुए दिसंबर 2019 मं एक नई ट्रस्ट बना ली थी जबकि पूर्व में बनी ट्रस्ट को भंग नहीं किया था। न ही ट्रस्ट का कोई चुनाव हुआ था। आरोप था कि संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के मकसद से फर्जी ट्रस्ट बनाई गई थी।
पुलिस ने जब प्रारंभिक जांच शुरु की तब सामने आया कि ट्रस्ट का अध्यक्ष बना अवधेशानंद सरस्वती पिछले कई माह से लापता चल रहा है। उसका दूर दूर तक कोई अता पता नहीं है। ऐसे में संत की गुमशुदगी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताय कि संत की तलाश कररहे हैं। पुलिस हर पहलू पर अपनी जांच में जुट गई है।

फर्जी ट्रस्ट के पदाधिकारी, इन पर हुआ केस दर्ज
हरिद्वार, अवधेशानन्द सरस्वती नारायण निवास आश्रम भूपतवाला कलां, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि निवासी भारत माता मंदिर, भाजपा नेता विदित शर्मा निवासी शिव नगर भूपतवाला, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रितेश वशिष्ठ निवासी भगीरथी नगर भूपतवाला, स्वामी कृष्णानंद, दीपतानंद निवासी अवधूत आश्रम भूपतवाला, स्वामी अवधेशरानन्द निवासी भूपत्तवाला, महंत स्वामी सच्चीदानन्द निवासी श्री विसुधानन्द आश्रम बसंत गली खडखड़ी, स्वामी दिव्यानंद उर्फ दीपक निवासी दिप्तानन्द गोपाल भवन रानी गली भूपतवाला, स्वामी अनुजदास उर्फ अनुज चौहान निवासी बलजीत साधना केंद्र रानी गली भूपतवाला, स्वामी हरिशानन्द निवासी जान ज्योति आश्रम भगीरथी नगर भूपतवाला, स्वामी संजय ब्रहमचारी निवासी सोनीपत हरियाणा, बेघराज निवासी बेघराज एसोसियेटस सप्त ऋषि रोड भूपतवाला, स्वामी प्रकाशानन्द निवासी श्री भगवानधाम कबीर आश्रम धर्मशाला ट्रस्ट भूपतवाला, स्वामी सदानंद निवासी ज्वाला माता डेरा सिंह हरियाणा, धर्मेन्द्र कुमार निवासी मुजफ्फरनगर यूपी, , पवन सिंह निवासी नियामतपुर लक्सर, महंत प्रेमदास निवासी कनखल, स्वामी अन्नतानंद निवासी माता रामभजन गंगा भजन आश्रम, , महंत बाबा कमलदास निवासी हरिहर पुरुषोत्तम धाम हरिपुर कलां है

 

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