
K.D.
रेलवे स्टेशन कैंपस से चोरी हुए आठ माह के मासूम वीरू को ऋषिकेश (देहरादून)से बरामद करते हुए जीआरपी-आरपीएफ की टीम ने आरोपी अपहरणकर्ता पंजाब की महिला को गिरफ्तार कर लिया। मासूम की शक्ल अपने बेटे से मिलती जुलती होने के चलते आरोपी महिला ने वारदात को अंजाम दिया था। मासूम को पाकर परिजन की खुशी का ठिकाना न रहा। एसपी रेलवे सरिता डोबाल ने चंद घंटों में मासूम को खोज निकालने पर अधीनस्थों की कार्यशैली को सराहा है।
जीआरपी थाना कैंपस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसपी रेलवे सरिता डोबाल ने जानकारी दी कि नौ अगस्त को प्लेटफार्मसंख्या एक से गौरीशंकर नवढ़िया जौनपुर यूपी निवासी सुरेश पुत्र राजकुमार के आठ माह के पुत्र वीरू को चोरी कर लिया गयाथा।
एक दिन पूर्व ही परिवार यहां पहुंचा था। घटना उस वक्त घटित हुई थी जब परिवार का मुखिया सुरेश शौच के लिए गया था और पत्नी अपने पांच बच्चों के साथ सो रही थी।
बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में सामने आयाथा कि उस वक्त हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पहुंची हांवड़ा एक्सप्रेस से उतरी एक महिला ने मासूम को चोरी किया है। ऋषिकेश के लिए ट्रेन के रवाना होने पर महिला उसमें सवार हो गई थी।
बताया कि मासूम की तलाश में जीआरपी-आरपीएफ की टीमें गठित की गई थी। बताया कि महिला के हुलिये के आधार पर उसकी तलाश तेज कर दी गई थी। जीआरपी-आरपीएफ की संयुक्त टीमों ने महिला को ऋषिकेश से खोज निकालते हुए मासूम को बरामद कर लिया। बताया कि आरोपी महिला का नाम शिवानी पत्नी जॉनी बेस नि जसिया रोड लुधियाना पंजाब है।
पूछताछ में महिला ने बताया कि मासूम की शक्ल उसके पुत्र से मेल खाती है इसलिए उसने उसे उठा लियाथा। एसपी रेलवे ने बताया कि आरोपी महिला दो दिन तक मासूम को अपने साथ लेकर टिहरी क्षेत्र में घूमती रही थी। रविवार शाम को वापस ऋषिकेश लौटकर आई थी, जिसे पकड़ लिया गया।
एसपी रेलवे ने बताया कि आरोपी महिला की तीन बच्चें है, जो पिता के साथ पंजाब में रहते है। उसने परिजन के खिलाफ जाकर शादी की थी इसलिए मायके पक्ष उससे वास्ता नहीं रखता है।
महिला घूमंतु प्रवृति की है। महिला का फिलहाल किसी बच्चा चोर गैंग से लिंक होने की बात सामने नहीं आई है। इस अवसर पर सीओ स्वप्निल मुयाल, एसओ जीआरपी अनुज सिंह मौजूद रहे।
आसान नहीं थी राह
मासूम वीरू की सकुशल बरामदगी जीआरपी के लिए एक बड़ी चुनौती थी। दरअसल, मासूम का न तो कोई फोटो परिजन के पास था। न ही घटनाक्रम की सीसीटीवी कैमरे की कोई वीडियो थी। ऐसे में आरोपी अपहरणकर्ता महिला की पहचान करना टेढ़ी खीर से कम नहीं था। जीआरपी आरपीएफ के सामने मैनुअल पुलिसिंग का ही विकल्प था।
एसपी रेलवे सरिता डोबाल ने अधीनस्थों से मासूम को खोज निकालने के लिए एडीचोटी का जोर लगा देने के निर्देश दिए थे, उसी का ही नतीजा रहा कि महज हुलिये के आधार पर जीआरपी आरपीएफ ने आरोपी को दबोच लिया बल्कि मासूम को भी सकुशल बरामद किया। हर कोई मासूम के सकुशल बरामद होने को बड़ी उपलब्धि बता रहा है।
फरिश्ता बनकर आई पुलिस
अमूमन खाकी पर रसूखदार पक्ष के दबाव में काम करने के आरोप लगते हैलेकिन एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे की खोज के लिए जीआरपी ने दिन रात एक कर दिए थे, उसका नतीजा मासूम के सकुशल मिलने पर सभी के ही सामने है। अपने बेटे को वापस पाकर पेशे से दिहाडी मजदूर सुरेश, उसकी पत्नी लक्ष्मीना बार बार पुलिसकर्मियों के आगे हाथ जोड़कर खड़े रहे। यही नहीं बार बार पिता पुलिस के पैर छूने लगता तो कभी अपने बेटे को चूमने लगता। यह दृश्य देखकर हर कोई भावुक हो उठा। एसपी रेलवे सरिता डोबाल ने खुद मासूम को दुलार किया। यही नहीं मासूम के लापता होने के बाद एसपी रेलवे ने खुद जीआरपी थाने पहुंचकर मां को ढांढस बंधाया था। भरोसा दिलाया था कि उसके बेटे को ढूंढ निकाला जाएगा।
यह रहे पुलिस टीम में मौजूद
हरिद्वार, एसओ जीआरपी अनुज सिंह, चौकी प्रभारी जीआरपी ऋषिकेश त्रिभुवन जोशी, एएसआई अतुल चौहान, हेड कांस्टेबल कुलदीप कुमार, हेड कांस्टेबल मुकेश बावरे, हेड कांस्टेबल श्यामदास, पृथ्वी सिंह नेगी, सतबीर, महेश कुमार, अजेंद्र, विनोद, प्रदीप कुमार, मोहम्मद इफ्तिखा, अमित वर्मा, रश्मि, सत्यवनान शर्मा, आरपीएफ निरीक्षक अवकाश बंसल, एएसआई जितेंद्र सिंह, महिला कांस्टेबल ज्योति राणा, निर्मला, एसओजी प्रभारी एसआई अशोक कुमार, कांस्टेबल दीपक चौधरी, विनीत कुमार, मनोज कुमार शामिलर है।