
हरिद्वार,KD
हल्द्वानी: वनभूलपुरा बवाल के 24 घंटे बाद भी घटनाक्रम को तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक मरने वालों का आंकड़ा ही स्पष्ट नहीं हो सका। प्रदेश के मुख्य पुष्कर सिंह धामी समेत आला नौकरशाह शुक्रवार को हल्द्वानी पहुंचे और हालात का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। लेकिन बवाल क्यों हुआ, प्रशासन के स्तर पर कहां चूक हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, अभी तक इसको लेकर ना तो कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ और ना ही किसी की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की गई।
हल्द्वानी के वनभूलपुरा में गुरुवार की शाम जो कुछ हुआ, वह अचानक नहीं हुआ। ऐसा लग रहा है कि पूरी पटकथा कई दिन पहले ही लिखी जा चुकी थी। बस समान नागरिक संहिता आने का इंतजार था। बिल आने के बाद पूरे प्रदेश में कहीं कोई हो हल्ला नहीं हुआ। फिर अचानक से हल्द्वानी का बनभूलपूरा सुलग उठा।
सवाल यह है कि अगर सब कुछ नियम के अनुसार हुआ तो फिर स्थानीय प्रशासन और पुलिस का खुफिया विभाग अंदर ही अंदर सुलग रही चिंगारी को क्यों नहीं भांप सका। बवाल को लेकर तो प्रशासन और पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है ही, बवाल के बाद भी कार्यशैली सवालों के घेरे में है। कितनी बड़ी विडंबना है कि 24 घंटे बाद भी ना तो बवाल के कारण सामने आ सके ना ही जिम्मेदारी व जवाबदेही तय करते हुए किसी पर कोई कार्रवाई की गई।