Part-1 सीएम साहब, आबकारी विभाग की मजबूरी या फिर संजय रावत जरूरी

K.D.

एक बार फिर आबकारी महकमे में हर किसी को मुंह चिढ़ाते हुए निरीक्षक संजय रावत हरिद्वार सर्किल की जिम्मेदारी पाने में कामयाब रहे है। बड़ा सवाल यह है कि तीसरी दफा हरिद्वार सर्किल में तैनाती के पीछे निरीक्षक संजय रावत की आखिर क्या दिलचस्पी है। या फिर महकमे के पास कोई दूसरा निरीक्षक ही नहीं है।

यह आलम तब है जब पिछले साल नवंबर माह में लापरवाही के चलते ही निरीक्षक संजय रावत का धारचूला पिथौरागढ तबादला हो गया था लेकिन फिर भी अपना तबादला रुकवाकर देहरादून मुख्यालय में करा लिया था। उसके चंद माह बाद फिर से हरिद्वार जिले के रुड़की सर्किल में तैनाती ले ली थी और अब फिर से हरिद्वार सर्किल की कुर्सी पर काबिज होने में कामयाबी मिल गई। आखिर जब निरीक्षक संजय रावत की वापसी करनी ही थी तो तबादला करने के पीछे भला क्या मंशा थी।


चर्चाओं में रहने वाले आबकारी निरीक्षक संजय रावत तीसरी बार हरिद्वार सर्किल में तैनाती पाने में कामयाब रहे है। सवाल आखिर यह है कि हरिद्वार सर्किल में ही बार बार तैनाती पाने के पीछे क्या वजह हो सकती है। क्या आबकारी महकमे के पास संजय रावत के अलावा आबकारी निरीक्षक नहीं है, या फिर संजय रावत के आगे विभाग नतमस्तक है। हैरानी की बात यह है कि लापरवाही बरतने के आरोप में हटा दिए गए निरीक्षक की उसी पद पर फिर से वापसी कई सवाल खड़े कर रही है। जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह ने निरीक्षक संजय रावत की तैनाती की पुष्टि की है। सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रहे है लेकिन उन्हीं के विभाग के अधिकारी उनकी छवि को पलीता लगाने में जुटे है।

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