हरीश का कबूलनामा: एसडीएम के प्रमोशन के लिए पैसे, संत चाहता था अरबों की संपत्ति में हो खेल

K.D.

चुनावी मझधार में पूर्व सीएम हरीश रावत को बीच में छोड़कर कमल के फूल को गले ला चुके करीबीयों को लेकर पूर्व सीएम ने आड़े हाथ लिया है। बिना नाम लिए अपने फेसबुक अकाउंट पर पूर्व सीएम ने करीबीयों के उन्हें छोड़ जाने को लेकर तगड़ा कटाक्ष किया है। किसी करीबी के दामन पर ट्रांसफर पोस्टिंग की सुपारी लेने का दाग लगा है तो एक संत पर धार्मिंक संपत्तियों को उनके संगठन के हक में न करवा पाने की बात भी लिखी है। रावत यही नहीं ठहरे, उन्होंने एक दो करीबीयों को लेकर कहा कि उन्हें देने के लिए उनके पास अब कुछ बचा ही नहीं था। बड़े दाता यानि भाजपा उन्हें अब क्या देते है, यह देखना होगा।

बुधवार को पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी और मेयर का चुनाव लड़ चुके स्वामी ऋषिश्वरानंद उर्फ संजय महंत, हरीश रावत के भोपू की भूमिका में रहे राजेश रस्तौगी, ओएसडी रहे पूर्व शहर अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष मोनिका जैन, तोष जैन, सत्यनारायण, दीपक जखमोला, कुमुद शर्मा, शरद शर्मा, वेदांत उपाध्याय समेत कई चेहरे बुधवार को भाजपा परिवार के सदस्य बने थे। इन सब पर पूर्व सीएम हरीश रावत की छाप थी और पूर्व सीएम के कार्यकाल में इन सभी का जलवा देखते ही बनता था।

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