
हरिद्वार।
उत्तराखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी चुनावी राजनीति पारी से सरेंडर कर दिया है। उन्होंने अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए कांग्रेस हाईकमान के आगे हाथ फैलाते हुए हरिद्वार से टिकट की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने जो काम खानपुर में किया था, उसका लाभ निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को मिला था।
दरअसल अनुपमा के विधायक बनने के बाद हरीश रावत अपने बेटों के भविष्य को लेकर लगातार चिंता कर रहे थे। इस चुनाव में उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर ली है। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे।