
जनघोष ब्यूरो
हरिद्वार: पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पड़ोस में गुंडई की घटना में पुलिस ने 24 घंटे बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया है। इससे व्यापारी का परिवार दहशत में है। पीड़ित व्यापारी आशीष कुमार गुप्ता ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर
हरियाणा के होटल कारोबारी सुमित सचदेवा पर हमला करवाने का आरोप लगाया और पूरे परिवार की जान माल का खतरा जताते हुए कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही अभी तक एफआईआर दर्ज न होने पर भी सवाल उठाए।
हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पीड़ित व्यापारी आशीष गुप्ता ने बताया कि वह अपने बेटे के साथ सड़क से गुजर रहे थे, तभी दो अज्ञात युवकों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
हमले में उनकी आंख और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं, जबकि उनके पुत्र को भी चोट पहुंचाई गई। उन्होंने बताया कि ये हमला पहले से रचे गए षड्यंत्र के तहत किया गया, जिसके पीछे उनके व्यावसायिक साझेदार सुमित सचदेवा का हाथ है।
व्यवसायी का कहना है कि सुमित सचदेवा पर उनके निर्माण कार्य से जुड़ी एक बड़ी धनराशि बकाया है। कई बार भुगतान की मांग करने के बावजूद सुमित ने पैसा नहीं लौटाया, बल्कि अब दबाव बनाने के लिए गुंडों से हमला करवा दिया। आशीष ने कहा कि सुमित सचदेवा रसूखदार व्यक्ति है।

धनबल और पहुंच के दम पर मुझे डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही है। आशीष गुप्ता ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी न तो मुकदमा दर्ज हुआ है और न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी।

उन्होंने ज्वालापुर थाने में तहरीर दी है, साथ ही एसएसपी कार्यालय में भी प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। पीड़ित ने कहा कि यह पहला हमला नहीं है — इससे पहले भी उन पर हमला किया जा चुका है, लेकिन हर बार मामले को दबा दिया गया।

उन्होंने प्रदेश के डीजीपी दीपम सेठ से पूछा कि “क्या यही कानून व्यवस्था है, जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री की कॉलोनी में कोई बेखौफ आकर हमला कर जाए और पुलिस मुकदमा दर्ज करने से भी बचती रहे? पत्रकार वार्ता के दौरान पीड़ित की मां संतोष गुप्ता भी मौजूद रहीं।

परिवार ने अपनी जान-माल की सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि अगर पुलिस ने अब भी कार्रवाई नहीं की, तो वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।










