लक्सर में कांग्रेस से आये नेता को भाजपा ने पालिका अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया, बगावत के सुर बुलंद

K.D.

हरिद्वार,कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ है, यह स्लोगन भाजपा में अब अस्तित्व में ही नहीं दिखाई दे रहा है। इसकी वजह पुराने कार्यकर्ताओं को सिरे से नजरअंदाज कर देना है। नगर पालिका अध्यक्ष लक्सर पद के टिकट पर यही तस्वीर दिखाई दे रही है। महज तीन साल पहले कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले देवेंद्र चौधरी को सीधे नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया गया जबकि कई दशकों से पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर रहे चेहरों को सिरे से नकार दिया गया। माना जा रहा है कि इस फैसले के विपरीत परिणाम भी चुनाव में देखनेको
मिल सकते हैं।
भाजपा में अंदर खाने लक्सर पालिका अध्यक्ष चुनाव को लेकर विरोध होना माना जा रहा है। उसकी बड़ी वजह टिकट वितरण बताया जा रहा है, हालांकि कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है लेकिन अंदर खाने हैं शिक्षितदेने के लिए कील कांटे बिछाए जा रहे है। अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाए गए देवेंद्र चौधरी के पिता अजब सिंह खाटी कांग्रेसी रहे हैं और गन्ना समिति लक्सर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं ।देवेंद्र तीन वर्ष पूर्व भाजपा में शामिल हुए थे, उसके तुरंत बाद ही उन्हें मंडल महामंत्री की जिम्मेदारी से नवाजा गया था ।
पहले जारी हुई आनंतिम आरक्षण सूची लक्सर सीट को आरक्षित किया गया था लेकिन आपत्तियों की सुनवाई के दौरान सीट को आरक्षित से ओबीसी में तब्दील कर दिया गया। ओबीसी में तब्दील होते ही पुराने संघी महेंद्र धीमान प्रबल दावेदार थे, जो मौजूदा समय में भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भी हैं। उन जरा भी तव्वजो नहीं दी गई,अंतिम समय में उनका नाम बाहर कर दिया गया। इसके अलावा मोहित वर्मा भी सशक्त दावेदार थे ,जो भाजपा के मंडल महामंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। यही नहीं शिवम कश्यप भी दौड़ में थे ,जो ओबीसी मोर्चा के मीडिया प्रभारी के पद पर आसीन है। इसके अलावा बिशनपाल कश्यप भी मजबूत दावेदारों में से एक थे, पर इन सबको नकारते हुए पुराने कांग्रेसी देवेंद्र चौधरी पर भाजपा ने अपनी मुहर लगा दी। देखना दिलचस्प होगा कि यह सीट भाजपा के खाते में आती है या फिर पुराने कांग्रेसी चेहरे को उतारने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।

विधायक जी का खेल
पुराने कांग्रेसी को टिकट मिलने के पीछे एक पूर्व विधायक का ही खेल बताया जा रहा है। चर्चा तो यह भी है कि नमस्ते भी की गई है ।नगर निगम चुनाव की तस्वीर साफ होने के साथ पूर्व विधायक अपनी विधानसभा में फिर से जमीन तलाश में की जगत में लग गए हैं।

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