पार्ट:one: वॉटर रीसाइकलिंग के नाम पर अवैध खनन का नंगा नाच.. दो क्रेशर पर चल रहा घिनौना खेल, जिला प्रशासन बना धृतराष्ट्र, गंगा का भी चीरा जा रहा सीना, लाडले क्रशर मालिक ने किए करोड़ों के वारे न्यारे..

जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार:
पिछले करीब डेढ़ माह से वॉटर रीसाइकलिंग के नाम पर अवैध खनन का नंगा नाच हो रहा है। दो क्रशरो के कैंपस के अलावा गंगा का भी सीना भी चीरा जा रहा है। दुर्भाग्य की बात यह है कि जिला प्रशासन धृतराष्ट्र बना हुआ है।

खान अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं। खनन माफिया अब तक करोड़ों के वारे न्यारे कर चुका है लेकिन सिस्टम पूरी तरह से लाचार और बेबस दिखाई दे रहा है, इसकी भी अलग-अलग वजह गिनाई जा रही है।

दरअसल मौजूदा समय में खनन बंद है लेकिन वॉटर रीसाइकलिंग की आड़ में खनन का घिनौना खेल खेला जा रहा है। बताते हैं कि दो क्रशर को वॉटर रीसाइकलिंग की अनुमति दी गई जिसकी प्लानिंग अवैध खनन को अंजाम देने के लिए पहले से ही की जा चुकी थी।

बताते हैं कि दोनों क्रशरों का मालिक भी एक ही है और बेहद संयोजित तरीके से अवैध खनन कर रहा है। क्रेशर कैंपस में खाई खोदी जा चुकी है और आस पास का पूरा एरिया में खनन किया गया है।

हैरानी की बात ये है कि क्रेशर मालिक की मनमानी पर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है,जिसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है। आखिर जिला प्रशासन क्यों लापरवाह बना हुआ है, यह अपने आप में हैरान करने वाली बात है। अब तक करोड़ों का खनिज निकाला जा चुका है, पर सब चुप है।

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