मामूली विवाद में विधायक रात तक धरने पर बैठे, आदर्श आचार संहिता की उड़ी धज्जियां

 

K.D.

ज्वालापुर पुलिस की वाजिब कार्रवाई से खफा भारतीय जनता पार्टी ने कोतवाली ज्वालापुर कैंपस से लेकर जिला अस्पताल कैंपस तक देर रात तक बवाल काटा। हैरानी की बात तो यह है कि आदर्श आचार संहिता की जमकर धाजिया उड़ाई गई। यही नहीं सिस्टम भी आंखें मूंदे भाजपाइयों की मान मन्नोवल में जुटा रहा। बड़ा सवाल यह है कि भाजपा शहर की अमन चैन से नाखुश है जिस वजह से ही उन्हें यह हाई वोल्टेज ड्रामा करना पड़ रहा है।

शुक्रवार सुबह ज्वालापुर में एक मामूली बात को लेकर हुए विवाद में पुलिस ने सूझबूझ का परिचय दिया था ।पुलिस ने मारपीट करने में शामिल रहे एक पक्ष के चार लोगों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था ,जिसके बाद भाजपा विधायक आदेश चौहान कोतवाली पहुंचकर कार्यालय कैंपस में डट गए थे। भाजपा विधायक की अजीबोगरीब डिमांड थी कि गिरफ्तार किए गए लोगों को छोड़ जाए जबकि उनका चालान हो चुका था और उन्हें बेल देने का अधिकार पुलिस को नही था।फिर भला बीजेपी विधायक ने ऐसी बेतुकी माग क्यों कर दी,सोचने वाली बात है। विधायक का कहना था की या फिर उनका भी चालान कर दिया जाए।

कोतवाली में करीब एक घंटे तक सीओ,कोतवाल उन्हें समझाते रहे की उनके अधिकार क्षेत्र में मामला नही आता है लेकिन भाजपा विधायक सत्ता की हनक में पुलिस से उलझते रहे ।यहां से पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को जब जिला अस्पताल मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाने लगी तब विधायक भी ऑटो रिक्शा में सवार हो गए ।विधायक का ड्रामा देखकर पब्लिक भी हैरान रह गई। जिला अस्पताल पहुंचने के बाद विधायक आदेश चौहान ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। बाकायदा मेडिकल परीक्षण के लिए आए आरोपियों का मेडिकल तक नहीं होने दिया बल्कि जिला अस्पताल कैंपस में धरना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भाजपाई बड़ी संख्या में जिला अस्पताल पहुंचकर डट गए।फिर बाइक सवार की गिरफ्तारी और सही कार्य करने वाले कोतवाल को हटाने की मांग शुरू कर दी गई। एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट भी उन्हें समझा नही पाए। न ही आरोपियों का मेडिकल पुलिस करवा सकी।

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