
जनघोष-ब्यूरो:-
हरिद्वार: गांव सराय में कूड़ा निस्तारण केंद्र के विस्तारीकरण के नाम पर खरीदी गई भूमि के दाम को लेकर हुए खेल का ताना बाना बेहद ही शातिराना ढंग से बुना गया था। भूमि का लैंड यूज बदलकर छह हजार रुपये वर्ग मीटर के आसपास की भूमि का दाम सीधे 25 हजार वर्ग मीटर तक पहुंचाया गया।

इसमें भी सबसे बड़ा खेल जमीन खरीदने की प्रक्रिया के दौरान हआ है, चंद दिनों के भीतर एसडीएम अजयवीर सिंह ने कृषि भूमि का लैंड यूज चेंज कर दिया और लैंड यूज बदलने के कुछ दिनों के बाद ही निगम ने जमीन खरीद का बढ़े हुए रेट पर एग्रीमेंट कर लिया, जिसकी रजिस्ट्री नवंबर में कर दी गई।ऐसे में साफ है कि भूमि को जानबूझकर कई गुना अधिक दाम में खरीदने की पूरी प्लानिंग की गई थी।

कुल मिलाकर पूरी डील में भ्रष्ट्राचार की बू आ रही है। देखना दिलचस्प होगा कि सीधे सीधे समझ आ रहे खेल को लेकर जांच अधिकारी आईएएस रणवीर सिंह चौहान की जांच का रूख क्या रहता है, हर शहरवासी की निगाहें उस पर टिकी हुई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी से भी आमजन को बहुचर्चित भूमि खरीद प्रकरण में न्याय की उम्मीद बंधी हुई है।

ऐसे हुई 15 से 54 करोड़ रुपए कीमत….
भूमि का लैंड यूज कृषि था। तब उसका सर्किल रेट छह हजार रुपये के आस पास था। यदि भूमि को कृषि भूमि के तौर पर खरीदा जाता, तब उसकी कुल मलकीयत पंद्रह करोड़ के आस पास होती। पर, लैंड यूज चेंज कर खेले गए खेल के बाद भूमि की कीमत 54 करोड़ के आस पास हो गई।

क्या है पूरा मामला….
नगर निगम हरिद्वार ने नवंबर 2024 में सराय कूड़ा निस्तारण केंद्र से सटी 33 बीघा भूमि का क्रय किया था। ये भूमि 54 करोड़ रुपए में खरीदी थी जबकि छह करोड़ रुपए स्टाप ड्यूटी के तौर पर सरकारी खजाने में जमा हुए थे। 2024 में तब नगर प्रशासक आईएएस वरुण चौधरी थे।

जमीन खरीद मामले में मेयर किरण जैसल ने सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच सीनियर आईएएस अफसर रणवीर सिंह को सौंपी थी। अब इस मामले में जमीन को बेचने वाले किसान के खातों को फ्रीज करने के आदेश कर दिए गए हैं।
नोट: जमीन डील में सुस्त सिस्टम कैसा बना एक्सप्रेस, डील से चंद दिन पहले कैसे बढ़ा दिए गए जमीन के रेट