
K.D.
रीवर ड्रेजिंग के नाम पर गंगा का सीना चीरने की तैयारी कर ली गई है। चंडीघाट पुल के नीचे बड़े स्तर पर रीवर ड्रेजिंग की आड़ में अवैध खनन किए जाने रणनीति बना ली गई है। इधर, पर्यावरण के लिए संघर्षरत संस्था मातृ सदन ने रीवर ड्रेजिंग का कार्य कर रही दोनों फर्म पर सवाल खड़े किए है। सूत्रों की माने तो दिन छिपने के बाद बड़ी संख्या में जेसीबी, पौंकलेंड अवैध खनन के लिए गंगा में उतार दिए जाएंगे। खनिज सामग्री को श्यामपुर से लेकर लक्सर पटटी के स्टोन क्रशरों में पहुंचाने की भी पूरी प्लानिंग कर ली गई है। जिले में अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है।
अब चंडीघाट पुल के नीचे गंगा का सीना छलनी करने के लिए खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं। बताया जा रहा है कि रीवर ड्रेजिंग की आड़ में अवैध खनन किया जाना है। रीवर ड्रेजिंग में साफ है कि गंगा में समतलीकरण किया जाना हैलेकिन समतलीकरण न करने बजाय बड़ी बड़ी मशीनों से अवैध खनन होना है।
अवैध खनन में जुटे माफियाओं ने अवैध खनन को ठिकाने लगाने की प्लानिंग तक कर ली है। हैरानी की बात यह है कि गंगा की मुख्य धारा में अवैध खनन होने से बाढ़ का खतरा कई गुना तक बढ़ जाएगा। यही नहीं कनखल की बैरागी कैंप और बजरी वाला बस्ती समेत पूरा इलाका बाढ़ की चपेट में आ सकता है लेकिन सिस्टम धृतराष्ट बना हुआ है।
सूत्रों की माने तो पौंकलेंड और जेसीबी से अवैध खनन को अंजाम दिया जाना है, बकायदा सैंकड़ों डंपर भी इसके लिए हॉयर कर लिए गए हैं, जो अवैध खनन को स्टोन क्रशरों पर सीधे ठिकाने लगाएंगे। गुरुवार को रीवर ड्रेजिंग के नाम पर खेल की शुरूआत होने पर मातृ सदन संस्था के संत मौके पर पहुंचे, जिन्होंने इसका विरोधभी दर्ज कराया।
मातृ सदन संस्था के प्रमुख सीधे जिलाधिकारी कर्मेद्र सिंह की भूमिका पर सवाल खड़े किए है। आरोप लगाया कि डीएम पूरे शहर को बाढ़ की चपेट में धकेल देना चाहते हैं। आरोप लगाया कि रीवर ड्रेजिंग तो मात्र बहाना है, असल में गंगा में कई कई फुट गहरे गड्ढे खोदकर खनिज सामग्री चोरी की जाएगी।