
बीस साल पूर्व घटित हुए बहुचर्चित इलाहाबाद बैंक डकैती कांड में फरार चल रहे एक लाख के इनामी को एसटीएफ-हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान चेन्नई से दबोच लिया। आरोपी को हवाई मार्ग से यहां लाकर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। उस वक्त वारदात में शामिल रहे एक आरोपी टीपू यादव निवासी बिहार को लक्सर क्षेत्र में पुलिस अभिरक्षा से फरार होने पर हरिद्वार पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। रेलवे स्टेशन के ठीक सामने इलाहाबाद बैक शाखा में 17 दिसंबर 2004 में दिनदहाड़े डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया था।
हथियारबंद बदमाश असलहों की नोंक पर करीब दस लाख के आस पास की रकम लूटकर फरार हो गए थे। हरिद्वार पुलिस ने अथक प्रयास के बाद जनवरी माह में एक आरोपी टीपू यादव को दबोचा था, जिसे अन्य आरोपियों की तलाश में पीसीआर पर लिया था। हरिद्वार पुलिस की टीम ट्रेन से बिहार के लिए रवाना हुई थी लेकिन लक्सर से पहले ही आरोपी टीपू के साथियों ने पुलिस टीम को नशीली चाय पिला दी थी, जिसके बाद पुलिस टीम के बेहोश होने पर वे टीपू को अभिरक्षा से छुड़ा ले गए थे।
अगले दिन पुलिस टीम ने लक्सर क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान आरोपी टीपू को एनकाउंटर में ढहा दिया था। हरिद्वार पुलिस की कमजोर पटकथा पर उस वक्त कई सवाल खड़े हुए थे। उसके बाद वारदात में शामिल रहे अन्य आरोपी भी दबोचे गए थे।
वारदात में शामिल रहे फरार आरोपी उदय उर्फ विक्रान्त पुत्र बिंदेश्वर सिंह सिंह निवासी ग्राम खरखाया थाना शहाजहांपुर जिला पटना बिहार पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था।
आरोपी के चेन्नई के सीएमसी अस्पताल के सामने वैल्लोर में होने की सूचना पर एसटीएफ-शहर कोतवाली पुलिस पहुंच गई, जिसके बाद आरोपी को दबोच लिया गया। आरोपी को आनन फानन में हवाई मार्ग से यहां लाया गया,जिसके बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। सामने आया कि आरोपी अलग अलग प्रदेश में रहता रहा। चेन्नई में वह दिहाड़ी मजदूरी कर रहा था।
पुलिस टीम में एसआई प्रदीप कुमार, एसआई एसटीएफ विद्यादत्त जोशी, एएसआई संजय मल्होत्रा, कांस्टेबल संजय, राकेश, सुनील शामिल रहे।