
जनघोष-ब्यूरो
देश भर में आमजन को चपत लगा रहे साइबर फ्रॉड गैंग के फरार चल रहे सदस्य को उधम सिंह नगर पुलिस ने दबोच लिया। लग्जरी लाइफ जीने के आदी आरोपी तक पहुंचने में पुलिस को पापड़ बेलने पड़े।

एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि आरोपी का नाम शैलेंद्र उर्फ शेरू चौहान है। 29 मई को हरबंस लाल, निवासी शांति कॉलोनी रुद्रपुर ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उनके पेटीएम खाते से 54,999 रुपये की अवैध निकासी की गई थी। इस राशि को देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित बैंकों के खातों में भेजा गया था।
बताया कि रुद्रपुर पुलिस ने पूर्व में प्रशांत कुमार, विजय कुमार, आकाश कुमार, मोहित कुमार, विशाल कुमार और अंकुर कुमार निवासीगण बरेली यूपी को जेल भेजा था। मुख्य आरोपी शैलेंद्र उर्फ शेरू चौहान सहित तीन आरोपी फरार चल रहे थे।

लग्जरी जिंदगी जीने का शौक….
आरोपी के इंस्टाग्राम एकाउंट को खंगाला गया। आरोपी ग्वालियर या उसके आसपास के शोरूम्स, मॉल्स, रिसॉर्ट्स और होटलों से तस्वीरें अपलोड करता था। महंगी गाड़िया जैसे फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो, बलेनो, क्रेटा, रेंज रोवर और हुंडई में घूमता दिखता था। गाड़ियों के नंबर, मेक और मॉडल प्राप्त कर गहन जांच शुरू की गई।

सामने आया कि सभी गाड़ियां अलग-अलग लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर पर पंजीकृत थीं, लेकिन इन सभी का लिंक ग्वालियर से जुड़ रहा था। एक गाड़ी शैलेन्द्र के नाम पर भी पाई गई, जो थाटीपुर क्षेत्र से पंजीकृत थी। इस पड़ताल से आरोपी का ग्वालियर कनेक्शन निकलकर आया।

जानकारी मिलने पर एक टीम ग्वालियर गई। स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपी की तस्वीर की मदद से खुफिया तौर पर रेकी की गई ।उसका घर पहचान मिल गया लेकिन परिजन ने य साथियों की गिरफ्तारी के बाद से फरार है।

हार नहीं मानी, मिली सफलता…..
रुद्रपुर पुलिस ने हार नहीं मानी। मुखबिरों से मिली सूचना पर आरोपी के ग्वालियर से बरेली पहुंचने की सूचना मिली। पुलिस टीम ने 11 जून को रामपुर रोड पर आर्क होटल के पास से शैलेंद्र उर्फ शेरू चौहान को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी पर देश के कई राज्य में मुकदमें……
जांच में यह भी सामने आया है कि अभियुक्त शैलेंद्र उर्फ शेरू चौहान के बैंक खातों पर पूर्व में भी हिमाचल प्रदेश और हैदराबाद, तेलंगाना में साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं। यह तथ्य उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि और अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी रैकेट में उसकी सक्रिय भूमिका की पुष्टि करता है।

शैलेंद्र की गिरफ्तारी से इस पूरे रैकेट के अन्य सदस्यों और उनके modus operandi का खुलासा होने की उम्मीद है, जिससे साइबर अपराध पर लगाम कसने में और भी मदद मिलेगी। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और साइबर अपराधियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।

फ्रॉड से ऐसे बचे….
अपने बैंक खातों, ओटीपी, पासवर्ड या किसी भी गोपनीय जानकारी को फोन कॉल, मैसेज या अनजान लिंक के माध्यम से किसी भी व्यक्ति से साझा न करें। सतर्कता ही साइबर अपराध से बचने का सबसे बड़ा हथियार है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल पुलिस को सूचना दें।