सुराज सेवा दल ने मुख्य अभियंता पर लगाया करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप

K.D.

सुराज सेवा दल ने एमडीडीए में तैनात मुख्य अभियंता हरिश्चंद्र सिंह राणा पर गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। शुक्रवार को नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को सीएम पुष्कर सिंह धामी के नाम सौंपे ज्ञापन में सुराज सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश जोशी ने आरोप लगाया कि मुख्य अभियंत के तौर पर कार्यरत एई राणा ने अपने परिवार के नाम अकूद संपत्ति अर्जित की है। आखिर राणा परिवार इतनी संपत्ति का स्वामी कैसे बना, उसकी जांच ईडी से कराई जानी जरूरी है।

भाजपा सरकार में आखिर कौन उनका संरक्षणदाता बना हुआ है, यह भी बड़ा सवाल है। आरोप है कि हरिश्चंद्र सिंह राणा के पुत्र सुमित राणा, पुत्रवधू हिमानी राणा के नाम से परम टिहरी हाउस प्राइवेट लिमिटेड फर्म रजिस्टर्ड है। हैरानी की बात यह है कि 4 मई 2022 को वजूद में आई टिहरी हाउस प्राइवेट लिमिटेड को बैंक ने चंद दिन में करोड़ों रुपए का स्पर्म को लोन दे दिया जबकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग लोन की बाह ही जोतते रह जाते हैं।

आरोप लगाया कि टिहरी हाउस प्राइवेट लिमिटेड के एक अवैध कालोनी में तीन भूखंड के बैनामे हुए, जिनकी कीमत करीब दो करोड रुपए दिखाई गई जबकि बाजार भाव में कीमत 10 करोड़ रुपये के आस पास होगी। आरोप है कि हथेड़ी गांव में 1601902 वर्ग मीटर का भूखंड 24 मई 2022 को लिया गया, जिसकी कीमत भी बाजार भाव में करोड़ों है। आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता के परिवार के अवैध कालोनियों में भूखंड लेने पर भी सवाल खड़े किए। लिखा कि अनाधिकृत कालोनी के वजूद में आने को लेकर मुख्य अभियंता की भूमिका कीभी जांच होनी चाहिए, ऐसे में राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान भीहुआ है।

आरोप है कि जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार में हरीश चंद्र राणा एक ही स्थान पर आखिरकार आठ वर्ष से कैसे जमे हुए हैं। आरोप हैकि उनकी पुत्री मनीषा राणा ने महानंद शर्मा को एक भूखंड की रजिस्ट्री की थी लेकिन उस भूखंड को फिर उनके भाई सुमित राणा ने खरीद लिया। सवाल यह है कि बहन ने सीधे भाई को भूखंड क्यों नहीं विक्रय किया। आरोप लगाया कि पंचवटी सोशल ट्रस्ट उनके पते पर रजिस्टर्ड है, जिसकी भी जांच होनी बेहद जरूरी है। जांच में साफ हो सकें कि आखिर ट्रस्ट का मकसद क्या है और उसके सदस्य कौन है। मांग कि की अगर राज्य सरकार ने इस संबंध में एक्शन नहीं लिया तब सुराज सेवा दल सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगा।

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