
K.D.
हरिद्वार, बेशकीमती मेला भूमि को लेकर चल रहे खेल के पीछे एक पूर्व विधायक की अहम भूमिका बताई जा रही है। चर्चा हैकि सत्ता के करीबी एक पूर्व विधायक की शह पर ही मेला भूमि पर टीन शेड लगाई गई है, इसलिए ही मेला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
यही नहीं पूर्व विधायक ने ही भूमि को मेला लैंड बैंक से पृथक करने के लिए आश्वास्त किया हुआ है। इस पूरे खेल को लेकर तरह तरह की चर्चाएं आम है। दूधाधारी तिराहे से सटी मेला भूमि इन दिनों सुर्खियों में है। मेला भूमि पर स्वामित्व का दावा करने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे दिवंगत पूर्व पालिकाध्यक्ष पारस कुमार जैन के पुत्र भाजपा नेता तोष जैन, उनकी पत्नी ने एकाएक भूमि पर टीनशेड लगाकर पूरी भूमि को कब्जे में ले लिया है।
हैरानी की बात यह हैकि मेला भूमि पर इस तरह टीनशेड नहीं लगाई जा सकती है, क्योंकि उक्त भूमि मेला लैंड बैंक का अहम हिस्सा है। दूसरी बात यह है कि राज्य सरकार ने भूमि को मेला भूमि से मुक्त नहीं किया है, ऐसे में फिर उस पर टीनशेड की बाउंड्री करने का कोई औचित्य नहीं है।
इधर, एक पक्ष दंपति पर भूमि को बेच देने के आरोप जड़ रहा है, ऐसे में यह सवाल आ खड़ा होता है कि आखिर मेला भूमि को लेकर दंपति भला कैसे कोई एकतरफा फैसला ले सकते हैं। चर्चा है कि सत्ता में खासा दखल रखने वाले एक पूर्व विधायक पर उंगलियां उठरही है।
बताया जा रहा है कि उसी की ही शह पर दंपति ने टीनशेड लगाई है। चर्चा तो यहां तक है कि पूर्व विधायक ने दंपति को भरोसा दिलाया हैकि मेला भूमि को लेकर बने तकनीकी पेंच का निवारण जल्द ही करा दिया जाएगा, इसके बाद सभी की बल्ले बल्ले है।