दगाबाज नेताओं की घर वापसी पर भाजपा में सिर फुटौव्वल

हरिद्वार, विधानसभा चुनाव में पार्टी की मुखालफत कर भाजपा को शिकस्त दिलाने में कामयाब रहे दगाबाज नेताओं की घर वापसी को लेकर भाजपा में सिर फुटौव्वल शुरू हो गई है। फिलवक्त जिले की पार्टी की राजनीति में हावी हो रहे गुट ने विरोधी गुट को शिकस्त देते हुए उनके धुर विरोधियों की पार्टी में  एंट्री कराकर अपना लोहा मनवाया है। दगाबाज चेहरों की घर वापसी को लेकर अंदरखाने पार्टी में मची कलह किसी भी दिन  सतह पर आ सकती है, यह अनुमान लगाया जा रहा है।

जमकर बिफरे दो पूर्व विधायक
शुक्रवार को जिला भाजपा कार्यालय पर लोकसभा चुनाव के मददेनजर बुलाई गई बैठक में माहौल एक बारगी गर्मा गया। दो पूर्व विधायकों ने उनके विधानसभा चुनाव में उन्हें हार की दहलीज तक पहुंचने के लिए जिम्मेदार चेहरों की घर वापसी को लेकर सवाल खड़े किए। उनका दो टूक कहना था कि उनके क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले चेहरों की वापसी को लेकर उनसे राय तक लेना आवश्यक नहीं समझा गया। आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों की हार का कार्य किया है, ऐसे में उनकी घर वापसी पूरी तरह से गलत है। पर, भाजपा पदाधिकारियों ने तर्क दिया कि अपने हो चुके दगाबाज अब पार्टी के लिए कार्य करेंगे। शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी मिलने के बाद ही घर वापसी कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाया गया है।

भाजपा विधायक खुलकर खेल रहा खेल
घर वापसी के खेल के पीछे एक भाजपा विधायक ही खेल खेल रहा है। दरअसल, भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव प्रबंधन की कमान संभाल रहे एक भाजपा विधायक की दो पूर्व विधायकों से पुरानी अदावत चली आ रही है। लिहाजा लोकसभा चुनाव को सही समय मानकर भाजपा विधायक पूर्व विधायकों के जानी दुश्मनों को पार्टी में शामिल कराने में पूरी शिददत से जुटा है। चूंकि पूर्व विधायक प्रत्याशी के गुट से ताल्लुक नहीं रखते है, लिहाजा उनकी सुनवाई मौजूदा समय में बिलकुल भी नहीं हो रही है। इस तरह की चर्चा भाजपा में ही बनी हुई है। करीब दो साल से हाशिए पर चल रहे भाजपा विधायक को पूर्व सीएम के प्रत्याशी बनकर आने पर मानो राजनैतिक संजीवनी मिल गई हो।

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