
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी में इंसानियत को शर्मसार करने वाली दो घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। पहली घटना सिडकुल क्षेत्र की है, जहां एक विवाहिता संदिग्ध परिस्थितियों में आग से झुलस गई। मायके पक्ष ने आरोप लगाया कि ससुरालियों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जलाने की कोशिश की।

दूसरी घटना ब्रह्मपुरी क्षेत्र की है, जहां रेलवे ट्रैक के किनारे पॉलीथिन में बंद एक नवजात का शव मिलने से सनसनी फैल गई।

सूचना पर सिडकुल कोतवाली प्रभारी नितेश शर्मा और महिला उपनिरीक्षक मनीषा नेगी अस्पताल पहुंचे। यहां झुलसी हुई विवाहिता भारती को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। तहसीलदार की मौजूदगी में पीड़िता का बयान दर्ज किया गया।

पीड़िता के भाई जयप्रकाश निवासी डोईवाला, देहरादून ने तहरीर देकर बताया कि उनकी बहन भारती की शादी अक्टूबर 2024 में रोशनाबाद निवासी आशीष से हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही ससुराल पक्ष दहेज को लेकर प्रताड़ित करने लगा। दो सप्ताह पहले भारती ने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसके बाद ससुरालियों का रवैया और कठोर हो गया।

आरोप है कि 11 अक्टूबर की शाम ससुराल वालों ने पेट्रोल डालकर भारती को आग के हवाले कर दिया। लगभग 80 प्रतिशत झुलसी हालत में उसे देहरादून के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने पति आशीष, ससुर विजयपाल, सास, ननद और जेठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, पीड़िता के परिवार ने राज्य महिला आयोग में भी शिकायत की है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पुलिस से तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

दूसरी ओर, ब्रह्मपुरी क्षेत्र में मिले नवजात शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोनों घटनाओं ने धर्मनगरी में मानवता को कटघरे में खड़ा कर दिया है।









