सावधान: डिजिटल अरेस्ट कर रिटायर बुजुर्ग से 40 लाख ठगे, फर्जी CBI अफसर ने दिया वारदात को अंजाम, जाने हरिद्वार में कहा का है मामला, कौन है पीड़ित..

जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार:
शिवालिक नगर निवासी बीएचईएल से सेवानिवृत्त सीनियर ड्राफ्टमैन के साथ साइबर ठगों ने फर्जी CBI अफसर बनकर करीब 40 लाख 15 हजार रुपये की ठगी कर ली। खुद को सीबीआई का अधिकारी और फिर जज बताकर पीड़ित को “डिजिटल अरेस्ट” में लेने और परिवार को जेल भिजवाने की धमकी दी गई। तीन दिन तक लगातार वीडियो कॉल पर पत्नी समेत पीड़ित को डराते रहे और अंततः दोनों के खातों से लाखों की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा ली।

फर्जी कॉल से शुरू हुआ डरावना खेल…..
62 वर्षीय हरवंश लाल, जो बीएचईएल से रिटायर्ड हैं, ने तहरीर में बताया कि उन्हें 9 जून की सुबह एक व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें एक व्यक्ति ने पुलिस की वर्दी में खुद को CBI इन्वेस्टिगेशन अफसर संजय कुमार बताया। उस व्यक्ति ने आरोप लगाया कि हरवंश लाल के आधार कार्ड से एक एयरटेल सिम निकाली गई है, जिससे अवैध वसूली और हवाला कारोबार में इस्तेमाल किया गया। पीड़ित ने जब महाराष्ट्र जाकर पूछताछ में असमर्थता जताई तो उसे ऑनलाइन पूछताछ और वीडियो कॉल के जरिए निर्देश दिए जाने लगे।

पत्नी को भी कॉल कर डराया…..
इसके बाद पीड़ित की पत्नी रानी को भी कॉल कर विजय खन्ना नामक एक व्यक्ति ने धमकाया जो खुद को CBI में संजय कुमार का जूनियर बताता था। इन लोगों ने वीडियो कॉल पर खुद को जज बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हो गया है, जमानत खारिज की जा रही है और पूरे परिवार की संपत्ति जब्त कर जेल भेजा जाएगा।

FD तुड़वाकर कराए ट्रांसफर….
डरे सहमे हरवंश लाल ने अपनी SBI और उत्कर्ष बैंक की कुल 6 FD (44 लाख रुपए के आसपास) तोड़कर करीब 40 लाख 15 हजार रुपये दो अलग-अलग खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। 23.75 लाख रुपये HDFC बैंक के खाते में, 16.40 लाख रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते में।

अब न्याय की गुहार….
पीड़ित ने कोतवाली रानीपुर में तहरीर देकर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वीडियो कॉल, फर्जी दस्तावेज और धमकियों के जरिए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर पूरी जमा पूंजी लूट ली गई।

पुलिस कर रही साइबर जांच…..
रानीपुर कोतवाली पुलिस ने मामले में तहरीर प्राप्त होने की पुष्टि की है और साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से मोबाइल नंबरों और ट्रांजैक्शन खातों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में IPC और आईटी एक्ट की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा।

पाठकों के लिए चेतावनी….
कोई भी सरकारी अधिकारी कभी व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करता। मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में व्यक्तिगत बैंक डिटेल या पैसे ट्रांसफर करने की कानूनी प्रक्रिया नहीं होती।इस तरह की किसी भी कॉल की तत्काल सूचना साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दें।

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