
K.D.
लोकसभा चुनाव में हरिद्वार के जो कथित नेता सजधज कर मंचों पर बैठते थे और लंबी लंबी फेंकते थे, ये सभी नेता अपना—अपना बूथ हारे ही नहीं बल्कि बुरी तरह हारे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत और उनके पुत्र विरेंद्र रावत के चुनाव प्रचार में टोपी वालों को मंच से दूर और राजनीति में अछूत बनाने की रणनीति ने भी इन नेताओं की कोई मदद नहीं की। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब ये तथाकथित बड़े नेता अपना अपना बूथ हारे हो, हर चुनाव में इनका यही हाल होता है।
लेकिन फिर भी इनका जलवा देखिए राजनीति के ये नौसिखिए कांग्रेस में बडे पद और मंच पर स्थान पाने में सबसे आगे रहते है। लेकिन एक बार फिर लोकसभा चुनाव ने इन डब्बा गोल नेताओं की पोल खोल कर रख दी है। इन नेताओं के लगातार बुरे प्रदर्शन को देखते हुए इनकी ट्रेनिंग दोबारा दरी और कुर्सियां बिछवाने से शुरु की जानी चाहिए। तभी ये कुछ सीख पाएंगे। खैर किन अध्यक्ष, मेयर, मेयर पति और युवा चिंटू नेताओं के डब्बा गोल हुए, पढिए नीचे तक पूरी खबर…और रानीपुर और हरिद्वार ग्रामीण के डब्बा गोल नेताओं की कुंडली जाननी हो तो हमें कमेंट जरुर करें।
कौन है डब्बा गोल नेता
सबसे पहले बात करते हैं मेयर अनीता शर्मा और कनखल के तुर्रम खां नेता अशोक शर्मा की। इनका बूथ है 90 और आंकडों के अनुसार यहां भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिले 374 वोट जबकि मेयर साहब और अशोक शर्मा की जोड़ी महज 51 वोट कांग्रेस को दिलवा पाए।
जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी भी डब्बा गोल नेता
मौकापरस्त राजनीति के सचिन तेंदुलकर मतलब कांग्रेस के बड़े नेता भले ही देहात में जिलाध्यक्ष हो लेकिन ये रहते शहर में हैं और इनके बूथ पर भी कांग्रेस का डब्बा गोल रहा। इनके बूथ 153 पर कांग्रेस बुरी तरह हारी। भाजपा को यहां 553 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को यहां महज 89 वोट मिले। कहा ये जाता है कि इनके कहने पर पड़ोसी भी वोट नहीं करता लेकिन कांग्रेस ने ऐसे डब्बा गोल नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया हुआ है। खैर अब्दुल और जुम्मन मियां का दिल बहलाने के लिए कांग्रेस को इनसे अच्छा नेता नहीं मिल सकता है।
भावी मेयर प्रत्याशी भी निकले डब्बा गोल
सोनीपत से कांग्रेस से विजयी हुए सांसद सतपाल ब्रह्मचारी के सम्मान में पूरा शहर अपने पोस्टर और बैनरों से रंगने वाले कथित बड़े नेता अमन गर्ग का भी डब्बा गोल रहा। कहने को तो ये महानगर अध्यक्ष ही है। लेकिन इनके बूथ अमन वर्मा 47 पर कांग्रेस 140 वोट ही मिले जबकि भाजपा को 328 वोट प्राप्त हुए। लेकिन डब्बा गोल नेता अमन गर्ग खुद को भावी मेयर प्रत्याशी मानते हैं। लेकिन कहावत तो सुनी होगी आपने नाच ना जाने आंगन डेढ़ा।
हरीश रावत की परछाई का भी डब्बा गोल
वहीं मीडिया हरीश रावत के साथ परछाई की तरह और हर प्रकार की सेवा करने वाले मनीष कर्णवाल का भी डब्बा गोल रहा। मनीष कर्णवाल के बूथ पर महज 50 वोट ही कांग्रेस को मिले। जबकि भाजपा को यहां 270 वोट मिले। और यकीन मानिये इन 50 वोट में भी मनीष कर्णवाल का कोई योगदान होगा, ऐसा नहीं लगता है।
मुरली मनोहर अंबरीष कुमार के स्वयंभू उत्तराधिकारी का भी डब्बा गोल
वहीं कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता मुरली मनोहर का भी डब्बा गोल रहा। मंचों पर लंबे चौडे भाषण देने वाले मुरली मनोहर ने जननेता अंबरीष कुमार के स्वर्गवास के बाद खुद को उनका स्वयंभू उत्तराधिकारी घोषित कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस का और ज्यादा बेड़ागर्क हो गया। कांग्रेस के लिए जीने मरने की बात करने वाले ये नेता अपना बूथ भी नहीं जीत पाए। इनका मुरली के वार्ड 179 में भाजपा केा 447 और कांग्रेस को महज 87 वोट मिले।
युवा हृदय सम्राट भी निकले चिंटू नेता
कांग्रेस के युवा हृदय सम्राट टाइप नेताओं की भी इस चुनाव ने पोल खोल दी। इन बूथ रिपोर्ट भी इन्हें चिंटू टाइप नेता ही साबित कर रही है। इनमें है यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कैश खुराना, इनका बूथ है 171 और यहां भाजपा को वोट मिले हैं 302 जबकि कांग्रेस के विरेंद्र रावत को मिले हैं 67। दूसरे चिंटू नेता तुषार कपिल का बूथ 18 और यहां कांग्रेस को वोट मिले हैं 245 जबकि भाजपा को 438। एक और चिंटू नेता है याज्ञिक वर्मा एनएसयूआई के अध्यक्ष लेकिन है पूरे चिंटू। इनके बूथ पर भाजपा को मिले हैं 454 और कांग्रेस को मिले हैं 151।