पहली ही बोर्ड बैठक में सैकड़ों करोड़ की सम्पत्तियों पर खेल, पहले से लगी थी गिद्धदृष्टि, अब लगेंगी ठिकाने…

हरिद्वार, नगर निगम की बोर्ड में एकतरफा पास किए गए प्रस्तावों में बड़े खेल की बू आ रही है। कुछ प्रस्ताव को गोलमोल ढंग से पेश किया गया है, उनकी खुलकर जानकारी नहीं दी गई है।

चर्चा हैकि नगर निगम की करोड़ों की संपत्तियों पर गिद्धदृष्टि लगी हुई है, अब महज अंदरखाने उन्हें अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। ऐसे में कई संपत्तियों के अस्तित्व पर संकट गहराने के पूरे पूरे आसार बलवती हो चल रहे है।

नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में कांग्रेसी भाजपाई एक दूसरे से उलझते रहे लेकिन कुल 18 प्रस्ताव में से छह नंबर के प्रस्ताव पर गौर डालते है। प्रस्ताव में लिखा हैकि बड़े स्तर के कार्य की डीपीआर तैयार हो चुकी है, बस बात यही खत्म हो चुकी है।

वे कौन से विकास कार्य है, उनका उल्लेख होना क्या आवश्यक नहीं था। ऐसे में सवाल खड़े होना लाजिमी है। दूसरी बात टाउन हॉल और नगर स्वास्थ्य अधिकारी के आवास को तोड़कर एक विवाह मंडप बनाया जा जा रहा है। टाउन हॉल जब बना था तब उसमें विवाह समारोह होते थे, फिर उसका स्वरुप बदलकर उसे ऑटोडोरियम के रूप में तब्दील कर दिया गया।

अब फिर से विवाह मंडप में बदला जा रहा है। नौ नंबर का प्रस्ताव बेहद ही महत्वपूर्ण है। उसमें लिखा हैकि नगर निगम की खाली भूमि दुकानें और व्यवसायिक भवन बनाने की योजना है। आखिर किस भूमि का व्यवसायिक इस्तेमाल होना है, यह भी नहीं दर्शाया गया।

यहां भी कुल मिलाकर गोल गोल घूमाने की कोशिश की गई है। चर्चा है कि एक कददावर नेता नगर निगम की भूमियों को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार कर चुका है, अब बस उस पर फाइनल मुहर लगना बाकी है। बोर्ड भाजपा का है, ऐसे में किसी भी प्रस्ताव को पास करना मुश्किल नहीं है। कांग्रेसी पार्षद केवल हो हल्ला ही कर सकते है।

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