
जनघोष-ब्यूरो
रुड़की: नकली और अनियमित दवा कारोबार पर लगाम कसने के उद्देश्य से ड्रग्स कंट्रोल विभाग की टीम ने मंगलवार को रामपुर चुंगी क्षेत्र में बड़ा अभियान चलाया।
अपर आयुक्त के निर्देश पर डिप्टी ड्रग कंट्रोलर (DDC) हेमंत सिंह नेगी के नेतृत्व में चली इस कार्रवाई में दर्जनभर से अधिक मेडिकल स्टोर्स, थोक दवा विक्रेताओं और एक निर्माण इकाई की गहन जांच की गई।
12 से अधिक प्रतिष्ठानों पर छापा, गंभीर खामियां उजागर……
जांच के दौरान टीम ने 12 से अधिक दुकानों और प्रतिष्ठानों की जांच की, जिसमें पांच जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल लिए गए। कई मेडिकल स्टोर्स पर फार्मेसी एक्ट के उल्लंघन और रिकॉर्ड में गड़बड़ियों जैसी गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। विभाग ने इन पर कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निलंबन की संस्तुति की है।

दवा निर्माण इकाई को चेतावनी, GMP मानकों का पालन अनिवार्य…….
टीम ने बीटा और नॉन-बीटा श्रेणी की दवाएं बनाने वाली एक कंपनी का भी निरीक्षण किया, जिसमें कई मानकविहीन प्रक्रियाएं सामने आईं। निर्माण स्थल पर साफ-सफाई, स्टोरेज और प्रक्रियागत खामियों को लेकर अधिकारियों ने कड़ी फटकार लगाई। कंपनी को चेताया गया कि यदि अगली बार निरीक्षण में GMP (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) मानकों का पालन नहीं मिला, तो लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं – DDC…..
DDC हेमंत सिंह नेगी ने कहा कि विभाग आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और औषधियों की गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण से लेकर भंडारण तक सभी प्रक्रियाएं नियमों के अनुरूप होनी चाहिए।

सख्त निर्देश और चेतावनियां भी दी गईं…..
निरीक्षण के दौरान दुकानदारों को निर्देशित किया गया कि दवाओं की खरीद-बिक्री से जुड़े सभी दस्तावेज विधिवत और अद्यतन रखें। विशेष रूप से नारकोटिक दवाओं के मामले में वैध डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन और पंजीकृत फार्मासिस्ट की मौजूदगी अनिवार्य की गई है। साथ ही, किसी भी अज्ञात स्रोत से दवाएं न लेने और हर खरीद पर वैध बिल लेने के निर्देश भी दिए गए हैं।

ये अधिकारी रहे शामिल……
इस अभियान में डीडीसी हेमंत सिंह नेगी के साथ वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार, अनीता भारती और औषधि निरीक्षक मनेंद्र सिंह राणा, हरीश सिंह, मेघा, निधि रतूड़ी और निशा रावत शामिल रहे।