
रुड़की: उत्तराखंड में सस्ते दामों पर जमीन खरीदने और ऊंचे मुनाफे का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को ठगने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।

पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देश पर कोतवाली रुड़की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस ठगी रैकेट के मास्टरमाइंड स्वामी दिनेशानंद भारती को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के अन्य तीन सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

गिरोह का शातिर तरीका: ऐसे करते थे ठगी…….
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह खास तौर पर बाहरी राज्यों से आए निवेशकों को निशाना बनाता था। गिरोह के सदस्य जोगेंद्र संभावित निवेशकों की तलाश करता और उन्हें उत्तराखंड में सस्ती जमीन खरीदने का लालच देता। निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए स्वामी दिनेशानंद खुद को एक बड़े संत और समाजसेवी के रूप में पेश करता। वह दिखाता कि वह जमीन खरीदकर अस्पताल बनाना चाहता है। नूर हसन नामक व्यक्ति की जमीन को असली सौदा बताकर निवेशकों को दिखाया जाता था।

निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए स्वामी दिनेशानंद खुद ही 2 लाख रुपये टोकन मनी के रूप में निवेशकों को दे देता था, जिससे उन्हें लगता कि सौदा असली है और उन्हें बड़ा मुनाफा होगा। इसके बाद, निवेशक लाखों रुपये बतौर बयाना दे देते, लेकिन जब रजिस्ट्री की बारी आती तो यह गिरोह मुकर जाता और पैसे वापस मांगने पर धमकी देता।पुलिस जांच में पता चला कि इस गिरोह के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। थाना कुरुक्षेत्र, हरियाणा और थाना मंगलौर, हरिद्वार में धारा धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज है।

पुलिस की तेज कार्रवाई, मुख्य आरोपी गिरफ्तार….
रुड़की पुलिस ने मामले की गहन जांच के बाद स्वामी दिनेशानंद भारती (45 वर्ष, निवासी शंकरमठ आश्रम, टोडा कल्याणपुर) को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के अन्य तीन सदस्य अभी फरार हैं, जिनमे अजयराज (स्वामी दिनेशानंद का ड्राइवर) जोगेंद्र (निवासी सोनीपत, हरियाणा) व नूर हसन (निवासी ग्राम गाधारोना, कोतवाली मंगलौर, उम्र 59 वर्ष) शामिल है। पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इनके पकड़े जाने के बाद और भी कई ठगी के मामले सामने आएंगे। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि जिले में धोखाधड़ी और ठगी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।