कुंभमेला भूमि पर बनी झोपड़ी पर गरजा पीला पंजा, पर चाहरदीवारी को छुआ नहीं, उठ रहे कई सवाल.. दो दिन की दी गई मोहलत, जिला प्रशासन की नियत दो दिन बाद होगी साफ..

जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार:
उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र के दूधाधारी तिराहे पर कुंभ मेला भूमि पर किए गए कब्जे पर जिला प्रशासन का पीला पंजा गरजा। देखते ही देखते अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया गया ।भूमि पर की गई चाहरदिवारी को हटा लेने की दो दिन की मोहलत दी गई है।

देखना दिलचस्प होगा कि दो दिन तक अगर चाहरदिवारी हटती है या नहीं या केवल प्रशासन की नियत महज खानापूर्ति करने की थी। आपके अपने प्लेटफार्म जनघोष ने कई बीघा कुंभ मेला भूमि पर चारदीवारी होने का मामला उठाया था। उसके बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ था।

सवाल उठाया था कि 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ को भव्य दिव्य कुंभ के तौर पर करने में जुटी धामी सरकार आखिर कुंभ मेला कैसे संपन्न कराएगी। चर्चा थी कि जमीन के वारिस पूर्व पालिकाध्यक्ष दिवंगत पारस कुमार जैन के परिजन ने कुंभ मेला भूमि का सौदा दिल्ली एनसीआर के बड़े भूव्यवसाईयों से कर दिया है।

पिछले दिनों इस भूमि पर इसी मकसद से चाहरदीवारी भी कर दी गई थी। मेला भूमि पर चाहरदिवारी होने पर जिला प्रशासन धृतराष्ट्र बना हुआ था ।बताया जा रहा था कि एक पूर्व काबिना मंत्री की शह पर चाहरदिवारी की गई है, जिससे दिवंगत पूर्व पालिकाध्यक्ष के परिजनों की गहरी निकटता है। चाहरदीवारी होने के पीछे तरह-तरह की चर्चाएं बनी हुई थी।

मामले के सुर्खियों में आने के बाद जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने आखिरकार सुध ले ही ली। बुधवार शाम को एसडीएम सदर अजयवीर सिंह की अगुवाई में दस्ते ने मेला भूमि पर बनी एक झोपड़ी जेसीबी से ढहा दी लेकिन चाहरदीवारी को जिला प्रशासन की टीम ने छुआ तकनहीं।

ऐसे में अब भी कई सवाल खड़े हो रहे है। दो दिन बाद ही जिला प्रशासन की नियत साफ हो सकेगी, जब चहारदीवारी अगर नहीं हटती है तो प्रशासन उसे ध्वस्त करता है या नहीं।

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