नगर निगम भूमि खरीद घोटाला: सीएम साहब, अब किस बात का इंतजार, कब होगा दोषियों पर एक्शन, महज निलंबन की होगी औपचारिता, या नजीर बनेगी कार्रवाई..

जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार:
नगर निगम भूमि खरीद घोटाले की जांच रिपोर्ट शहरी विकास सचिव नितेश झा को सौंप देने के बाद रह रह कर यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर घोटालेबाज अफसरों पर कार्रवाई का हंटर कब चलेगा।

हर किसी आमजन के जेहन में यह बात धुमड़ रही है कि क्या दोषी अफसरान का निलंबन कर खानापूर्ति कर दी जाएगी, या फिर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

कड़े फैसले लेने के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाले सीएम पुष्कर सिंह धामी के फैसले पर हर कोई टकटकी लगाए बैठा है।

कुंभनगरी के हर आमशहरी को सरकारी खजाने को ठिकाने लगाने वाले अफसरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की पूरी पूरी उम्मीद है। देखना दिलचस्प होगा कि आखिर धामी सरकार कोई नजीर पेश करती है या फिर दोषी अफसर यूं ही बच निकलेंगे।

नगर निगम के कूड़ा निस्तारण केंद्र के विस्तारीकरण के लिए भूमि खरीदने को लेकर बड़ा घोटाला किया गया। कृषि भूमि को कमर्शियल के तौर पर खरीदकर घोटाले को अंजाम दिया गया।

कुल 33 बीघा भूमि 54 करोड़ में खरीदी गई जबकि यह भूमि बेहद कम दाम में खरीदी जा सकती थी। सीएम पुुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आईएएस रणवीर सिंह चौहान ने जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।

अब तक सामने आया है कि तीन बड़े अफसर दोषी पाए गए है। जांच रिपोर्ट सौंपे हुए 24 घंटे से अधिक वक्त गुजर चुका है लेकिन दोषियों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है, जिसे लेकर आमजन में खुसर फुसर तेज हो गई है।

हर किसी की जुबां पर अलग अलग बातें है। दबी जुबां में आमजन बोल रहे है कि जब जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है तो भला कार्रवाई को लेकर इंतजार किस बात का है।

आमजन बोलते दिखे कि कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए कि भविष्य में किसी सरकारी अधिकारी के जेहन में सरकारी खजाने को ठिकाने लगाने की बात दूर दूर तक न आएं। हर किसी की नजर सीएम धामी के फैसले की तरफ लगी हुई है।

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