नगर निगम भूमि खरीद घोटाला: लैंड यूज बदलने में हरिद्वार प्रशासन ने कर दिखाया करिश्मा.. एसडीएम अजयवीर की अगुवाई में स्थापित किया नया कीर्तिमान, काश आमजन के काम भी होते इतनी जल्दी..

जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार:
आमजन को तहसील से प्रमाण पत्र बनवाने में जूते चप्पल घिसने पड़ते है,कई कई दिन गुजर जाते है तब कही जाकर सफलता मिलती है लेकिन नगर निगम भूमि खरीद घोटाले में लैंड यूज बदलने में तहसील प्रशासन की चुस्ती फुर्ती देखते ही बनती है।

महज सात दिन में ये करिश्मा करते हुए एसडीएम अजयवीर सिंह ने लैंड यूज बदलकर हर किसी को चौकाकर रख डाला। अब ऐसे में इनकी नियत पर सवाल उठना लाजमी है, एक प्रणाम पत्र के बनने की मियाद राज्य सरकार 15 दिन देती है लेकिन लैंड यूज बदलने में सेकंड मिनट भी नहीं गंवाया गया।

शायद यह जनहित का कार्य था इसलिए पूरा तहसील प्रशासन एक पांव पर खड़ा रहा। नगर निगम के कूड़ा निस्तारण केंद्र के लिए खरीदी गई भूमि के घोटाले में तहसील प्रशासन की नीयत पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। तहसील प्रशासन ने लैंड यूज को लेकर हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया है।

दरअसल नगर निगम को भूमि बेचने वाले विक्रेताओं ने लैंड यूज बदलने के लिए तहसील प्रशासन में पिछले साल अक्टूबर माह में आवेदन किया था, क्योंकि लैंड यूज के बाद ही खेला होना था इसलिए लैंड यूज तेजी से होना था। पूरी पटकथा लिखी जा चुकी थी।

आवेदक के आवेदन करने के महज साथ दिन में तहसील प्रशासन ने लैंड यूज संबंधी सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए आवेदक के चेहरे पर मुस्कान ला दी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतनी जल्दी आखिर क्यों की गई? इसके पीछे की वजह हर आमजन को साफ-साफ दिखाई दे रही है क्योंकि लैंड यूज बदलते ही कृषि भूमि एक अकृषक हो गई और उसके सर्किल रेट सीधे आसमान पहुंच गए।

इसके बाद ही यह घोटाला विधिवत हुआ है। एसडीएम अजय वीर सिंह और उनकी टीम ने महज सात दिन में लैंड यूज बदलकर उत्तराखंड राज्य में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है क्योंकि जहां आम आदमी को छोटे से कार्य के लिए भी तहसील के कई कई चक्कर लगाने पड़ते हैं ऐसे में एसडीएम की अगुवाई में तहसील प्रशासन ने जितनी तेजी से लैंड यूज चेंज किया वह हैरान कर देने वाला ही है।

काश हर आमजन की समस्या इतनी ही तेजी से दूर होती तो तहसील प्रशासन की वाहवाही रोजाना होती। देखना दिलचस्प होगा कि अब आईएएस रणवीर सिंह चौहान की जांच किस करवट बैठती है।

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