
जनघोष-ब्यूरो
पिरान कलियर: हरिद्वार पुलिस द्वारा जनआस्था के नाम पर ढोंग करने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमी” को एक और अप्रत्याशित कामयाबी मिली है। थाना पिरान कलियर की पुलिस टीम ने कांवड़ मेले के दौरान सक्रियता दिखाते हुए तीन भेषधारी बाबाओं को गिरफ्तार किया, जो श्रद्धालुओं को तंत्र-मंत्र व झाड़फूंक के झांसे में ले रहे थे। लेकिन इस अभियान ने एक परिवार को वो लौटा दिया जिसकी उम्मीद वो कब की छोड़ चुके थे—20 साल से लापता युवक को।
ढोंगी निकला… या खोया हुआ बेटा…?
गिरफ्तार भेषधारी बाबाओं में से एक जितेन्द्र पुत्र कुंवरपाल, निवासी दलपतपुर, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश), की जब गहनता से पहचान जांच की गई तो उसने न तो कोई वैध दस्तावेज दिखाए और न ही किसी परिजन का संपर्क बता सका। मामला संदिग्ध लगने पर पिरान कलियर पुलिस ने तत्काल मुरादाबाद पुलिस से संपर्क साधा।

तत्काल जांच में स्पष्ट हुआ कि जितेन्द्र वर्ष 2005 से अपने घर से लापता था और तब से लेकर आज तक परिवार उसे मृत मान चुका था। जब उन्हें हरिद्वार से सूचना मिली तो वे रातोंरात थाने पहुंचे।

कलियर थाने में हुआ भावुक माहौल….
जैसे ही जितेन्द्र की 20 वर्षों बाद अपने परिजनों से मुलाकात हुई, थाने का माहौल भावुकता से भर गया। मां-बाप और भाई की आंखों से झरते आंसू, पुलिसकर्मियों की नम आंखें—हर शख्स गवाह बना उस क्षण का, जब एक मरे हुए विश्वास को पुलिस ने फिर से जीवित कर दिया। परिजनों ने हरिद्वार पुलिस और ऑपरेशन कालनेमी को धन्यवाद देते हुए कहा—”हमें यकीन नहीं हो रहा कि ये चमत्कार हुआ है… हमने उम्मीद ही छोड़ दी थी।

दो अन्य ढोंगी बाबाओं को भेजा गया जेल….
पकड़े गए अन्य दो बाबाओं की पहचान जैद पुत्र गुलजार निवासी नबाबगंज, सहारनपुर (उ.प्र.), उम्र 21 वर्ष और रण सिंह पुत्र कलिराम, निवासी अंबाला (हरियाणा), उम्र 56 वर्ष के रूप में हुई है। दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

पुलिस टीम की तत्परता ने रचा यह करिश्मा…..
इस पूरे मामले में थाना पिरान कलियर की पुलिस टीम की मुस्तैदी और मानवीय संवेदनशीलता ने अहम भूमिका निभाई। टीम में रविन्द्र कुमार – थानाध्यक्ष पिरान कलियर, बबलू चौहान –वरिष्ठ उप निरीक्षक, हेड कांस्टेबल जमशेद अली, सोनू कुमार, सचिन सिंह, जितेंद्र सिंह – कांस्टेबल, नीरज – चालक शामिल रहे।