
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार: देर रात से रह रह कर हो रही बारिश ने पूरे शहर को जलमग्न कर दिया है लेकिन सिस्टम कुंभकर्णी नींद सोया है।बाजार से लेकर आमजन के घरों में घुसे पानी से लाखों करोड़ों का नुकसान हो चुका है पर, सिस्टम अभी भी जागा नहीं है।
यह आलम तब है जब संवेदनशील मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीएम को ग्राउंड जीरो पर कार्य करने के सख्त निर्देश दिए थे। उसके उलट तस्वीर देखने को मिली।
रात से लेकर दिन तक बरसात से पूरा शहर डूबा रहा लेकिन जिम्मेदार अफसरान ने सुध नहीं लेना गवारा समझा। बरसात का सीजन चल रहा है। सोमवार देर रात से लगातार बारिश हो रही है।
रात में पूरा शहर ही नहीं आसपास के देहात तक के इलाके में जल भराव की स्थिति थी। आमजन आमजन रतजगा करते रहे। ईश्वर से प्रार्थना करते रहे की बरसात रुक जाए ,जिससे कि उनका नुकसान ना हो।
शहर के मुख्य इलाके चंद्राचार्य चौक पर तो बाढ़ जैसी स्थिति थी। करोड़ों रुपए खर्च करके बैठे व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में कई कई फुट पानी घुस गया, जिस वजह से व्यापारी वर्ग को खासा नुकसान हुआ।

इसके अलावा शहर के कई रिहायशी इलाकों में भी बरसात ने तबाही मचाई। इस सब के बावजूद सिस्टम चौकस नहीं दिखाई दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून को देखते हुए जिलाधिकारी को ग्राउंड जीरो पर कार्य करने की निर्देश दिए थे लेकिन देर रात से चल रही बारिश में सिस्टम पूरी तरीके से फेल दिखाई दिया।

नगर निगम भी ग्राउंड जीरो पर कहीं खड़ा नहीं दिखाई दिया।आम जन खुद ही अपने अपने घर से लेकर दुकानों तक से पानी निकालने में जुटे रहे और नुकसान को लेकर सिस्टम को कोसते रहे।

पूरा सिस्टम अभी कावड़ मिले की खुमारी में ही डूबा हुआ है। यदि ऐसे ही सिस्टम की चाल रही तो मानसून पूरी तरीके से कहर बनकर आमजन की जिंदगी पर बरसेगा।