
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार: सलेमपुर महदूद गांव में सोमवार को एक मासूम की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। छुट्टियां मनाने नानी के घर आए 10 वर्षीय सुब्हान की अधूरे तालाब में डूबकर मौत हो गई। तालाब की खतरनाक हालत और प्रशासन की लापरवाही इस हादसे की बड़ी वजह मानी जा रही है।
सुब्हान दादुपुर गोविंदपुर निवासी शाहनवाज का इकलौता बेटा था और कक्षा सात में पढ़ता था। दोपहर वह गांव के कुछ बच्चों के साथ खेलने निकला और खेलते-खेलते उस तालाब के पास पहुंच गया, जहां निर्माण कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा है।

बरसात में मौत का गड्ढा बन गया तालाब…..
गांव से बाहर स्थित यह अधूरा तालाब बरसात के चलते पानी से लबालब हो गया था। किनारों पर फिसलन इतनी अधिक थी कि सुब्हान का पैर फिसल गया और वह सीधे गहरे पानी में चला गया। आसपास मौजूद लोगों ने उसे जैसे-तैसे बाहर निकाला और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थीं।

वर्षों से अधूरा है सौंदर्यीकरण, न सुरक्षा, न घेराबंदी….
ग्रामीणों का कहना है कि तालाब को लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। न तो इसकी गहराई को सीमित किया गया, न ही किनारों पर कोई सुरक्षा दीवार बनाई गई। अब यही लापरवाही एक मासूम की जान ले गई।

ग्रामीण राव हामिद अली ने गुस्से में कहा, “अगर समय रहते तालाब की घेराबंदी की जाती और निर्माण कार्य पूरा होता, तो आज एक घर का चिराग बुझने से बच जाता।”

पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा….
घटना की जानकारी मिलते ही रानीपुर कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है।

“अब कौन लौटाएगा हमारी दुनिया…”
सुब्हान की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोगों की आंखें नम हैं। हर कोई बस एक ही सवाल कर रहा है — “अगर ये लापरवाही न होती, तो क्या सुब्हान आज हमारे बीच न होता?”

ग्रामीणों की प्रशासन से मांग — अब और लापरवाही नहीं…..
गांववालों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल तालाब के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाई जाए और अधूरा सौंदर्यीकरण कार्य पूरा कराया जाए, ताकि भविष्य में कोई और मासूम ऐसी मौत का शिकार न हो।