
जनघोष-ब्यूरो
हरिद्वार: बहादराबाद क्षेत्र स्थित मां गंगा मैटरनिटी एंड आई केयर हॉस्पिटल में दो गर्भवती महिलाओं की मौत के मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पर हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे परिजनों और आमजन में रोष गहराता जा रहा है।

मृतक महिलाओं की पहचान खुशबू (निवासी नारसन) और मीनाक्षी (निवासी सहारनपुर, हाल निवासी सिडकुल हरिद्वार) के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, खुशबू पिछले एक वर्ष से उक्त अस्पताल में इलाज करवा रही थीं, जबकि मीनाक्षी को आपात स्थिति में अस्पताल लाया गया था। दोनों की डिलीवरी डॉक्टर स्वाति सैनी द्वारा ऑपरेशन के माध्यम से की गई, लेकिन ऑपरेशन के कुछ घंटों के भीतर दोनों महिलाओं की मौत हो गई।

परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया विशेषज्ञ को नहीं बुलाया गया, अस्पताल में न तो इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध थी और न ही कोई डॉक्टर मौके पर मौजूद था। परिजनों का कहना है कि जब महिलाओं की हालत बिगड़ी तो अस्पताल का कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर वहां नहीं था और डॉक्टर स्वाति सैनी अस्पताल से गायब हो गईं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए बहादराबाद पुलिस ने डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ के खिलाफ (गैर इरादतन हत्या) में मुकदमा दर्ज किया, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी एनेस्थीसिया के दौरान लापरवाही की पुष्टि हो चुकी है, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पर उच्च स्तर से दबाव है, जिसके चलते कार्रवाई को टालने की कोशिश की जा रही है। वहीं, भीम आर्मी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

मामले में प्रशासनिक चुप्पी और कार्रवाई में देरी से यह सवाल उठता है कि क्या दो जानें जाने के बाद भी न्याय मिल पाएगा या यह मामला भी अन्य लापरवाही मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।