आबकारी महकमा:सेठी है असली बॉस..! सिंडिकेट का मुख्य कर्ताधर्ता बना सेठी, पैकार प से लेकर निचले स्तर तक शराब सप्लाई का रिमोट कंट्रोल हाथ में, ओहदे पर बैठे अफसर बने कठपुतली..

हरिद्वार: कुंभ नगरी में शराब की धारा आखिर कैसे बहती है। यह सवाल हर एक आम शहरी को कचोटता है लेकिन हकीकत यह है कि आबकारी महकमा अगर चाहे तो इस धारा को पल भर में रोक सकता है ।पर, किन्ही वजह से यह धारा निरंतर बह रही है, इसकी एक मुख्य वजह आबकारी महकमे के बॉस बताए जा रहे सेठी जी बने है। दअरसल उन्हीं के ही इशारे पर पूरे शहर में शराब की डोर टू डोर डिलीवरी का सिंडिकेट बदस्तूर चल रहा है।

हरिद्वार में शराब की भारी डिमांड रहती है। इसकी बड़ी वजह धार्मिक नगरी होना है। शहर से शराब के ठेके दूर होने पर सिंडिकेट ढंग से शराब की सप्लाई का सिस्टम चल रहा है।
बताते हैं कि सेठी जी इस पूरे नेटवर्क की बागडोर संभाले हुए हैं ।किस एरिया में कौन पैकार काम देखेगा। इसका चयन भी सेठी ही करता है।

यही नहीं पैकार के नीचे शराब को गली कूचे में खुदरा दर पर कौन आमजन को परोसेगा।यह निर्णय भी सेठी जी के ही हवाले है ।शहर में पूरी शराब अधिकृत ठेकों से ही उतारी जाती है ,ऐसे में अगर आबकारी महकमा चाहे तो अवैध शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा सकता है लेकिन पूरे शायद वो नहीं चाहते है। शराब की बिक्री से जमकर वारे न्यारे सिस्टम से जुड़े हर शख्स के होते हैं, यही शराब के सिंडिकेट का असली निचोड़ है।

चर्चा है कि आबकारी महकमा सेठी के हाथ की कठपुतली बनकर रह गया है, जिसके मुखिया खुद सीएम है। सेठी की बदौलत महकमे से जुड़े बड़े ओहदे पर बैठे चेहरों के स्वार्थ सिद्ध हो रहे हैं , फिर चाहे बहती रहे शराब की धारा, कोई फर्क नहीं पड़ता।

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